आज NDA के गठबंधन से नितीश अलग हो रहे हैं सुशील मोदी ने तो हिन्दुओं और बिहार के साथ घात किया है इनके साथ आडवानी भी सामिल है जनता ही नहीं हजारों- लाखों कार्यकर्ता जिनके बल पर सत्ता सुख भोग रहे थे वे कार्यकर्ता अब जबाब मांग रहे हैं कहाँ गया हमारा सिद्धांत, अब किस मुख से सिद्धांत की बात करेगे----? अलीगढ मु.वि.वि. का क्या--? लव जेहाद का क्या---? मुस्लिम तुष्टिकरण, मुर्दे न भागने पायें कबरिस्तान घेरने---! हिन्दू समाज का अपमान---! गो हत्या----! बंगला देशी घुसपैठ पर क्या बोलेगे मोदी --? मखतब-मदरसों की बाढ़, अब पता चला जब राजनाथ की बैठक पर रोक लगा दिया --! क्या मोदी नितीश के साथ जायेगे--? बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष यह आरोप लगा रहे हैं कि हमारे बिधायकों को तोड़ने का प्रयास हो रहा है, अब क्यों दुःख हो रहा है-? जब बीजेपी का टिकट नितीश बाट रहे थे तब हम कहा थे--? कितना पैसा लिया था राधामोहन सिंह ने श्रीमती बीना सिंह जैसे २० बिधायकों को बीजेपी का टिकट नितीश ने दिया था क्या इसका जबाब आडवानी और उनके शिष्य के पास है ? आडवानी ने केंद्र में सत्ता पाने के लिए प्रदेशो में पार्टी को कमजोर किया इसका दंड कौन भोगेगा ?
जब जयप्रकाश नारायण के गाव से आडवानी रथ पर बैठ रहे थे तभी नितीश ने बीजेपी की दी हुई भगवा चादर वापस कर दी थी तब नहीं समझ में आया था- ? पूरे प्रिंट मिडिया को खरीद रखा है इस सरकार ने क्या संघ परिवार के किसी पत्र-पत्रिका को कभी विज्ञापन मिला-? इस सत्ता सुख से संघ विचार को क्या लाभ मिला-? इन सब बातों का जबाब कौन देगा--? समाजबादी कैसे होते हैं यह कौन बताएगा--? क्या जनसंघ की स्थापना सत्ता प्राप्ति के लिए हुई थी--? आडवानी जी हमेंसा जहाँ तक मेरी याद-दास्त है प्रत्येक महीने बीजेपी को कोसते रहना, कांग्रेस और बीजेपी को बराबर देखना जैसे ये बीजेपी में हैं ही नहीं, अडवानी के ड्रामा का जिम्मेदार कौन है-? सिद्धांतों से खिलवाड़ करने नहीं दिया जा सकता क्यों कि बीजेपी के साथ देश का भविष्य जुड़ा है हजारों-लाखों कार्यकर्ताओ की तपस्या पर खड़ी है पार्टी ! इसलिए कार्यकर्ताओं को इन सब विषयों पर विचार करने की आवश्यकता है वैसे बीजेपी को इस चुनौती को स्वीकार करनी चाहिए और पुनः जनादेश हेतु जनांदोलन चलाना चाहिए क्यों की यह चुनाव तो NDA के वैनर तले लड़ा गया था राज्यपाल को गठबंधन का ही पत्र दिया गया वह भी नंदकिशोर यादव के नेत्रित्व में, वास्तव में नितीश को पुनः जनादेश लेना चाहिए यही न्याय है.
2 टिप्पणियाँ
व्यक्ति कभी भी विचारधारा से ऊपर नहीं होना चाहिये।
जवाब देंहटाएंaadwani ko bada hi kasht ho raha hai jyo-jyo bjp satta ke karib pahuch rahi hai.
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