tag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post8682126332172866397..comments2024-03-17T11:16:10.819+05:30Comments on दीर्घतमा : मा नर्मदा सामाजिक कुम्भ------धार्मिक दृढ़ता--सामाजिक समरसता और राष्ट्र की एकता ----हेतु--- चलो मंडलासूबेदारhttp://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-28197412043963136092010-11-23T21:15:46.092+05:302010-11-23T21:15:46.092+05:30भाई साहब कृपया प्रेम की परिभाशा बतायें प्रेम के क्...भाई साहब कृपया प्रेम की परिभाशा बतायें प्रेम के क्याा गुण होते हैं मै मानवप्रेम की बात कर रहा हूंAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-33035456876780944032010-11-18T00:27:51.751+05:302010-11-18T00:27:51.751+05:30विदेशियों से कितना मिलता है बेनामी नही अपना परिचय ...विदेशियों से कितना मिलता है बेनामी नही अपना परिचय देकर आना चाहिए तुम या तो चर्च द्वारा या मस्जिद द्वारा प्रायोजित हो जहा तक देश आज़ादी क़ा प्रश्न है तो जानकारी रखो की लाखो ने आहुति दी २० लाख लोगो क़ा बलिदान हुआ उसमे गाधी जी भी थे ,थोडा जानकारी भी रखा करो केवल भारत से गद्दारी नही.सेकुलर के नाम पर देश द्रोह नही एक दिन जनता दौड़ा-दौड़ा कर मारेगी.सूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-42995263701768878552010-11-18T00:12:12.918+05:302010-11-18T00:12:12.918+05:30महात्मा गांधी जी के हत्यारो गांधी जी ने अपना जीवन ...महात्मा गांधी जी के हत्यारो गांधी जी ने अपना जीवन हमे आजादी दिलाने मे खपा <br /><br />दिया तुमने उनके एक निर्णय मे उन्हे मरवा दिया क्या उन्हे कोई निर्णय लेने का कोई <br /><br />हक नही था उसके बाद भी तुम लांगों कामन नही भरा आज भी तुम लोग जी भर के <br /><br />अपशब्द बोलते हो। <br /><br />महात्मा गांधी नही होते तो आज भी अंग्रेजो की गुलामी मे जी रहे होते। तुम लोग <br /><br />गद्दार देश द्रोही हो। <br /><br />हेमंत करकरे ने तुम्हारी पोल खोलनी चाही तो आन्तकवादी बुलवा कर उन्हे मरवा <br /><br />डाला। पाकिस्तानी आंतकवदियो से संघ और भाजपा की सांठ गांठ है।<br /><br />दुनिया सब जानती है कुछ बोल नही रही तो सोच रहे हो कि दुनिया हमारे <br /><br />साथ है। आडवाणी नकली लौह पुरुष का उदाहरण सामने है। जूते चप्पल मारने वाले <br /><br />कोई और नही हिन्दू ही तुम्हारे संगठन के थें।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-73347773217114001172010-11-17T23:55:39.461+05:302010-11-17T23:55:39.461+05:30कुण्ठा ग्रस्त + कुत्सित मानसिकता के लोगो
ये आने व...कुण्ठा ग्रस्त + कुत्सित मानसिकता के लोगो<br /><br />ये आने वाले कल का आइना है।<br /><br />हिन्दू ही हिन्दूओं को मारने पर उतारु है<br /><br />टीवी पर दिखा रहे हैं।<br /><br />धर्म के ठेकेदारो राजनैतिक लाभ के लिये लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर हमारे देश की भोली-भाली जनता,नौजवान,युवा वर्ग को मानवता,भाईचारा, आपसी सद्भाव, देश प्रेम की शिक्षा, अच्छे आदर्श की मजबूत नीव डालने के बजाये। हमारे देश की नीव, हमारे देश के मजबूत खम्बे,हमारे देश का गौरव, भारत देश का भविष्य हमारे नौजवान,युवा वर्ग के हाथों से जघन्य अपराध करवा कर पाप के भागी बना कर भारत देश की नीव को कमजोर खोखला कर रहे हैं।और देश में फूट डालने का काम कर रहे है। <br /><br />तुम लोग सही बात करने वालों को आंतंकवादीयों के समर्थक और <br /><br />देश विरोधी बताते हो। लोगो को गुमराह करते हो और अपने आप <br /><br />को धर्मी बताते हो भगवान तो तुम्हारे अन्दर कूट कूट कर भरा है भरा <br /><br />ही नही अन्दर घुस गया है। और वो ही चरित्र दुनिया के सामने ला <br /><br />रहे हो। धर्म का चोला पहन लेने से ईश्वर नही हो जाओगे।<br /><br />दुनिया तुम्हारी घ्रणित मानसिकता से परिचित हो रही है। जिस दिन <br /><br />पूरी परिचत हो जायेगी तो शायद तुम रहो न रहो तुम्हारी औलाद <br /><br />भुगतेगी। कोई माने या न माने कोई तो उपर बैठा दुनिया को चलाने <br /><br />वाला। हिटलर, सद्दाम हुसैन जैसे कितने अच्छे अच्छे बड़े बड़े तुर्रम <br /><br />खाओं को लाइन मे लगा चुका है। <br /><br />अब तुम्हारा खेल शुरु हो चुका है टीवी का बहुत महत्वपूर्ण योग दान <br /><br />चल रहा है। जनता के जलूस से बड़ा कोई नही है। जरा बच के <br /><br />बुरे काम का बुरा नतीजा <br /><br />अभी नही समझ आयेगा जब तुम और तुम्हारा वंश भुगतेगा तब <br /><br />समझोगे।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-12488049769604446262010-11-17T22:42:27.983+05:302010-11-17T22:42:27.983+05:30वह भाई बेनामी जी आप तो बिलकुल चर्च और आइ.एस.आइ.के ...वह भाई बेनामी जी आप तो बिलकुल चर्च और आइ.एस.आइ.के नक्से क़दम पर चल रहे है टिप्पड़ी के नाम पर आप देश बिरोधी और आतंक बादियो के समर्थक लगते है ---जहा तक संघ की बात है तो संघ को समझने के लिए शाखा जाना चाहिए तभी भारत समझ में आयेगा जहा हिन्दू नही वहा भारत नही कभी अरब,अफगानिस्तान,पाकिस्तान और बंगला देश भी भारत था ,यदि आप जैसे चिन्तक रहेगे तो भारत तो केवल कहानियो में पढ़ा जायेगा.सूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-60455111187372586702010-11-17T17:51:17.657+05:302010-11-17T17:51:17.657+05:30आर. एस.एस. और भाजपा और सहयोगी संगठन भारत देश को प...आर. एस.एस. और भाजपा और सहयोगी संगठन भारत देश को पाकिस्तान और अफगानिस्तान बनाने की तैयारी कर रही हैं।<br />मै भी भारत देश का मूल निवसी हूं मगर मै दूरदर्शी परिणाम जान रहा हूं। <br /><br />ये कुण्ठा ग्रस्त लोग अपनी कुत्सित मानसिकता और छड़िंक राजनैतिक लाभ के लिये भारत के नौजवानो की ताकत का गलत उपयोग कर रहे है। और नौजवानो के अन्दर जहर घोल रहे है। <br />पड़ोसी देश की राह पर चला रहे है। अरे भईया ये जो जीवन है बहुत अनमोल है।<br /><br /> प््रामाण है सुदर्शन के खिलाफ शांती से कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है जो हिन्दू ही है मगर आर.एस.एस. के संगठन के कार्य कर्ता कितनी फूहड़ता से उग्र रुप मे कांगेसी हिन्दूओं को मारने पर उतारु है टीवी पर दिखा रहे हैं। और प्रशासन आर..एस.एस.के कार्यकर्ताओं का साथ दे रहा है।<br /><br />ये आने वाले कल का आइना है।<br /><br />मुस्लिम कंन्ट्र्यिों मंे ये ही हो रहा है मरने वाले मुसलमान और मारने वाले मुसलमान <br /><br />ये भारत का आने वाला कल है मरने वाला हिन्दू और मारने वाला <br /><br />हिन्दू होगा भारत का अमन चैन खतम कर देगे ये हिन्दू कट्टर वादि <br /><br />संगठन।<br /><br /><br />आर. एस.एस. और भाजपा और सहयोगी संगठन दीमक की तरह हैं ये अंन्दर <br /><br />ही अन्दर देश को खा रही है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-41426608955611671102010-11-15T19:25:26.364+05:302010-11-15T19:25:26.364+05:30धर्म मनुष्यों ने ही बनाये है मनुष्यों ने ही लिखे ह...धर्म मनुष्यों ने ही बनाये है मनुष्यों ने ही लिखे हैं। धर्म का मार्ग दिखाने वाले लिखने वालों का क्या हुआ क्या इनको स्वर्ग की प्राप्ती हुई उन्होने जो लिखा है उसने कितनी सच्चाई है या जो उसमे चमत्कार बताये हैं क्या ये संम्भव है आज भी होते है। या काल्पनिक कपोल कल्पना है । <br /><br />मगर आंधों की तरह उसके मानने वाले अपने धर्म को श्रेष्ठ बताने की होड़ में लगे है।अपने धर्म को श्रेष्ठ बताने के लिये दूसरे धर्म की कमी <br />निकालते है। ताकि अपने धर्म को श्रेष्ठ बता सकें।हर कोई अपने आपको बुद्धीजीवी ज्ञानवान समझाता है।हमारे बाप दादाओं से हम मानते आ रहे है अब हम मान रहे है सही है।<br />प्रश्न हैरू. ये बताये आप खाना आंख बन्द करके खाते है <br />या खाते समय आपकी नजर थाली पर रहती है कि कही <br />कीड़ा या बाल तो नही है निवाले मे कंकंड़ आ जाता है <br />तो आप उसे खा लेते है या उगल देते है। जरा सोचें।<br /><br />मेरा मानना है कि हम खाना देख कर खाते हैं कि कुछ <br />गलत पेट मे न चला जाये । तो जब हम अपने शरीर के <br />लिये ख्याल रखते हैं।<br />तो धर्म के लिये आंख क्यो बन्द करे है।<br />हमे खुद अपने धर्म के बारे मे पता नही है ईश्वर के बारे <br />मे पता नही है। हमने खुद ईश्वर को पाया नही है और <br />दूसरे को मनवा रहे है। हम हिन्दू और मुसलमान आपस <br />मे एक दूसरे को नीचा दिखाने मे लगे है। <br /><br />मनुष्यों ही ने धर्म शास्त्रो को लिखा है हम कैसे मान लें <br />की उन्होने जो लिखा है वो सही ही लिखा है अगर सही <br />लिखा है तो हम उसे परखेंगें। सही पायेगे तो मानेगे भी।<br />अरे हम 10रु का घड़ा या मटका खरीदते है तो 20 बार ठोक <br />बजा कर दखते है अंन्दर झांक कर देखते हैं। <br /><br />अत्यन्त बहुमूल्य कीमती अपने जीवन के लिये और मरने के बाद क्या होगा हम जिस रास्ते पर हम चल रहे है वो सही है कि नही हमने और आपने अपने धर्मो को झांक कर देखा है ठोक बजा कर देखा है <br />अरे इतनी मेहनत और ताकत ईश्वर को ढूंढने मे लगा दो <br />तो ईश्वर मिल जाये और हमारा आपका और सब का जीवन <br />सफल हो जाये।<br />राजनैतिक दल और सम्प्रदायिक संगठन राजनैतिक लाभ पाने के लिये धर्माे <br /><br />को आपस मे लड़ा रहे हैं। सारे नेता डकैत है और सहयोगी संगठन भी चोर हैं।<br /><br />चोर से कहें चोरी करो साहूकार से कहें जागते रहो। <br /><br />जनता के सामने सबसे धार्मिक प्रवत्ती के ये लोग जब पावर मे आते हैं तो सबसे भ्रष्ट हो जाते है कंहा रही धार्मिकता। और अपनी पीढ़ियो के लिये धन इकठ्ठा कर लेते है। नेता अपने बच्चो को कानवेंन्ट मे पढ़ाये। <br />और हमे धर्म का पाठ पढ़ाते है हमे कहते है कि सरस्वती स्कूल मे बच्चो को पढ़ाओ संस्कृत पढ़ाओ ताकि हमारे बच्चे अंग्रेजी न पढ़ पायें क्योकि दुनिया का ज्ञान लिटरेचर और कम्प्यूटर सब अंग्रेजी मे है। <br /><br />अगर हमारे बच्चे ज्ञानी हो गये तो इनकी धकियानूसी कहां चलेगी<br /><br />आपको मालूम होगा कि चीन अंग्रेजी को कितना महत्व दे रहा है इंग्लिश टीचरो को बुला कर सारी सुविधायें और तगड़ी पेमेन्ट दे रहा है। उसको मालूम है कि अंग्रेजी कितनी महत्व पूर्ण है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-72564608038431145522010-11-11T17:19:10.097+05:302010-11-11T17:19:10.097+05:30मुम्बई हमले के बारे मे बेनामी के झुठे तथ्यो पर कोई...मुम्बई हमले के बारे मे बेनामी के झुठे तथ्यो पर कोई विश्वास नही करेगा :<br /><br />1. किसी अफसर के लिए एक निर्दोष साध्वी के उपर झुठा आतंकवादका आरोप लगाकर तङ्ग करना आसान होता है । लेकिन जब असली दहशतगर्द आतंकवादी से सामना होता है तब आपकी बहादुरी की असली परीक्षा होती है। यही है हेमंत करकरे का सच।<br />2. चर्च से संचालित शक्ति सम्पन्न देशो के खुफिया संगठनो ने मुम्बई घटना को अंजाम दिया है। यह सोचने वाली बात है। इस लाइन पर अनुसंधान क्यो नही हुआ।जब हिन्दुओ के नाम से कोई किसी को मारता है तो शर्म से हिन्दुओ की गरदन झुक जाती है। वैसे ही जब कोई मुसलमान किसी इनसान को मुसलमान के नाम से मारता है तो मुसलमान की भी गरदन झुकती है। तो कौन है इन हमलो के पीछे ?<br />3. कोई नक्सली या जेहादी कही बम विस्फोट करता है तो कोई नही पकडा जाता है। लेकिन मस्जीदो मे बम विस्फोट होने पर ए.टी.एस. लोगो को ऐसे पकडती है जैसे वह विश्व की कार्यकुशल एजेंसी हो। सोनिया की सत्ता निहित उद्देश्य से हिन्दु मुस्लीम घृणा फैलाने के लिए यह सब कर रही है।Himwanthttps://www.blogger.com/profile/15073248042334425850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-77493530312485552922010-11-11T17:03:16.302+05:302010-11-11T17:03:16.302+05:30यहां भी पाठक के बहाने चर्च की घुसपैठ। हिन्दु-मुस्ल...यहां भी पाठक के बहाने चर्च की घुसपैठ। हिन्दु-मुस्लीम घृणा फैलाने का काम चर्च कर रहा है। बेनामी तथा पंडीत धर्म प्रकाश के नाम से चर्च के दलालो ने घृणा फैलाने के उद्देश्य से कुछ टिप्पणियां की है। उन टिप्पणियो को हटा देना चाहिए।Himwanthttps://www.blogger.com/profile/15073248042334425850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-5297098292283069342010-11-11T10:31:18.759+05:302010-11-11T10:31:18.759+05:301. हिन्दू-मुस्लिम दंगे
आम हिन्दुओं (बहुजन) को दबोच...1. हिन्दू-मुस्लिम दंगे<br />आम हिन्दुओं (बहुजन) को दबोचे रखने के लिए ब्राह्मणवादियों की रणनीति<br />2. नई चाल, नया जाल<br />साम्प्रदायिकता के बजाय “मुस्लिम-दहशतगर्दी” का हव्वा<br />3. बम विस्फोटों की जाँच<br />ब्राह्मणवादियों को बचाने और मुसलमानों के फंसाने के लिए आई बी की ग़ैर ज़रूरी और सोची-समझी दख़ल अन्दाज़ी<br />i) 2006 का मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मामला (11 जुलाई 2006) <br />ii) मालेगांव बम विस्फोट मामला (8 सितम्बर 2006) <br />iii) अहमदाबाद बम विस्फोट और सूरत के बिना फटे बम (26 जुलाई 2008) <br />iv) दिल्ली बम विस्फोट 2008 (13 सितम्बर 2008) <br />v) समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट केस (19 फ़रवरी 2007) <br />vi) हैदराबाद मक्का मस्जिद विस्फोट (18 मई 2007) <br />vii) अजमेर शरीफ़ दरगाह विस्फोट (11 अक्तूबर 2007) <br />viii) उत्तर प्रदेश की अदालतों में श्रृंखलाबद्ध विस्फोटक (23 नवम्बर 2007) <br />ix) जयपुर धमाके (13 मई 2008) <br />4. नानदेड़ बम धमाका (5 अप्रैल 2006) <br />जिसका राज़ संयोग से फ़ाश हो गया<br />5. मालेगांव बम धमाका केस : 2008<br />(मुंबई पर हमले से पहले की जाँच) <br />मामले की ईमानदारी के साथ पहली यथार्थ जाँच, हेमंत करकरे ने राह दिखाई<br />6. करकरे के हत्यारे कौन ? <br />मुंबई पर आतंकी हमला एक वास्तविकता है लेकिन सी एस टी-कामा-<br />रंगभवन लेन प्रकरण पर रहस्य का पर्दा पड़ा हुआ है<br />भाग-1 आई बी और नौसेना ख़ुफ़िया निदेशालय के ब्राह्मणवादी तत्त्वों <br />ने अमेरिका और रॉ द्वारा दी गयी धमाकेदार ख़ुफ़िया जानकारी को जान-बूझकर रोक दिया<br />भाग-2 सी एस टी पर लगे 16 सीसीटीवी कैमरों के साथ छेड़छाड़ हुई थी<br />भाग-3 सी एस टी के “आतंकवादियों” ने उन सिम कार्डों का प्रयोग किया था जिनके तार सतारा से जुड़े हुए थे।<br />भाग-4 उन 284 फ़ोनों में से कसाब और ईस्माइल ख़ान के पास एक भी फ़ोन नहीं आया जिनपर वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल टेक्नोलॉजी (वी ओ आई पी) का प्रयोग करके आतंकवादियों ने पाकिस्तान के <br />अपने आक़ाओं की कॉल रिसीव की थीं।<br />भाग-5 आतंकवादी धारा-प्रवाह मराठी बोल रहे थे<br />भाग-6 सी एस टी पर मारे गये 46 लोगों में से 22 मुसलमान थे<br />भाग-7 करकरे को फंदे में फंसाया गया<br />भाग-8 अजमल कसाब को भारतीय एजेंसियों द्वारा 2006 के पहले काठमांडू (नेपाल) में गिरफ़्तार किया गया था<br />भाग-9 अजमल कसाब की बहु-प्रचारित तस्वीर<br />भाग-10 एक महिला गवाह को पूछताछ और उसके बयान को दर्ज <br />करवाने के लिए जबरन अमेरिका ले जाया गया लेकिन वह अडिग रही<br />भाग-11 मुंबई अपराध शाखा की कहानी में झोल साफ़ नज़र आता है<br />ए) सी एस टी-कामा पर गोलीबारी का समय<br />बी) सी एस टी-कामा क्षेत्र पर आतंकवादियों की संख्या<br />सी) सी एस टी से आतंकवादियों का निकलना<br />डी) “स्कॉडा” थ्योरी<br />ई) गिरगांव चौपाटी मुठभेड़ में मारे गये आतंकवादियों की संख्या<br />मुंबई आतंकी हमले का एक वैकल्पिक दृष्टिकोण<br />1) विले पार्ले और वाडी बंदर पर टैक्सी धमाकों का राज़<br />2) ऑफ़िशियल सीक्रेट एक्ट के तहत एक मामला<br />3) प्रधान पैनल की रिपोर्ट को छिपाने के प्रति सरकार (पढ़ें आई बी) की चिंता रिपोर्ट के चुनिंदा हिस्सों का लीक होना गुमराह करने के लिए है<br />बाद की घटनाएं दृष्टिकोण की पुष्टि करती हैं<br />फिर से जाँच के लिए उपयुक्त मामला<br />7. मुंबई हमला केस की जाँच<br />आई बी और एफ बी आई असल जाँचकर्ता, मुंबई क्राइम ब्रांच महज़ एक कठपुतली<br />8. मालेगांव विस्फोट कांड 2008 (मुंबई हमले के बाद जाँच)<br />हेमंत करकरे की जाँच पर पानी फेरना<br />असल षडयंत्रकारी का चेला ही जाँच टीम का प्रमुख बना<br />अनेक भयंकर कोताहियां और कारगुज़ारियां<br />9. महाराष्ट्र के ब्राह्मणों की संदिग्ध भूमिका<br />10. आई बी के ख़िलाफ़ चार्ज शीट<br />11. देश व समाज को बचाने के लिए तुरन्त उपाय ज़रूरी<br /><br />संलग्नक अ<br />संलग्नक ब<br />नक़्शा : उस स्थान का चित्र जहां पर प्रमुख आतंकवादी हमला हुआ और हेमंत करकरे की हत्या हुई<br /><br /> <br /><br /> <br /><br />Availability: Usually ships the next business day.<br /><br />Price: (based on region/shipping cost)<br /><br />India: Rs 250 (Registered Postage & payment processing charges included) Click here to Order Online if shipping address is in India<br /><br />Rest of the World: US $15 US $20 (Registered Airmail charges included) Click here to order Online if shipping address is outside India<br />2. 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पकड़ा और केंद्र में भाजपा की सत्ता के ज़माने में राज्य की विचारधारा बन गया। यहाँ तक कि “सेक्यूलर” मीडिया ने सुरक्षा एजेंसियों के स्टेनोग्राफ़र की भूमिका अपना ली और मुसलमानों के आतंकवादी होने का विचार एक स्वीकृत तथ्य बन गया | हद यह कि बहुत-से मुसलमान भी इस झूठे प्रोपेगण्डे पर विश्वास करने लगे।<br /><br />पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एस.एम. मुशरिफ़ ने, जिन्होंने तेलगी घोटाले का भंडाफोड़ किया था, इस प्रचार-परदे के पीछे नज़र डाली है, और इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र व अपने लम्बे पुलिस अनुभव से प्राप्त ज़्यादातर जानकारियों (शोध-सामग्री) का उपयोग किया है। उन्होंने कुछ चौंकाने वाले तथ्यों को उजागर किया है, और अपनी तरह का पहला उनका यह विश्लेषण तथाकथित “इस्लामी आतंकवाद” के पीछे वास्तविक तत्त्वों को बेनक़ाब करता है। ये वही शक्तियां हैं जिन्होंने महाराष्ट्र ए टी एस के प्रमुख हेमंत करकरे की हत्या की, जिसने उन्हें बेनक़ाब करने का साहस किया और अपनी हिम्मत व सत्य के लिए प्रतिबद्धता की क़ीमत अपनी जान देकर चुकाई।<br /><br />यह पुस्तक भारत में “इस्लामी आतंकवाद” से जोड़ी गयीं कुछ बड़ी घटनाओं पर एक कड़ी नज़र डालती है और उन्हें आधारहीन पाती है।<br /><br />About the author<br /><br />एस.एम. मुशरिफ़ महाराष्ट्र के एक पूर्व आई जी पुलिस थे जो सबसे ज़्यादा अब्दुल करीम तेलगी फ़र्ज़ी स्टांप पेपर घोटाले को उजागर करने के लिए याद किये जाते हैं। वह 1975 में महाराष्ट्र के लोक सेवा आयोग द्वारा सीधे पुलिस उपाध्यक्ष नियुक्त किये गये थे; और 1981 में भारतीय पुलिस सेवा में ले लिए गए थे।<br /><br />श्री मुशरिफ़ को वर्ष 1994 में सराहनीय सेवा के लिए “राष्ट्रपति पुलिस पदक” से सम्मानित किया गया था । शानदार सेवा के लिए उन्हें पुलिस महानिदेशक का प्रतीक चिह्न भी दिया गया और बेहतरीन कार्यप्रदर्शन के लिए सीनियर अधिकारियों की तरफ़ से उन्हें बहुत सराहा गया। अक्तूबर 2005 में उन्होंने रिटॉयरमेंट लिया। अब वह सूचना अधिकार अधिनियम, 2005 को लागू कराने, भ्रष्टाचार के ख़ात्मे, साम्प्रदायिक सौहार्द्र और किसानों व दलितों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।<br /><br /> <br /><br />विषय-सूची / Table of Contents:<br /><br />तीसरे अंग्रेज़ी संस्करण का प्राक्कथन<br />प्राक्कथनAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-88776813208973933352010-11-09T22:33:38.065+05:302010-11-09T22:33:38.065+05:30http://www.youtube.com/watch?v=VEUDsdmDtdUhttp://www.youtube.com/watch?v=VEUDsdmDtdUAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-59332643253347936212010-11-09T01:09:31.820+05:302010-11-09T01:09:31.820+05:30देवी पार्वती मायके गई हुई थीं, और नारद मुनि भगवान ...देवी पार्वती मायके गई हुई थीं, और नारद मुनि भगवान शिव को प्रणाम करने कैलाश पर्वत आ पहुंचे...<br />महादेव के पास ध्यानयोग के पश्चात भी समय ही समय रहता था, सो, नारद जी ने चुटकी ली, "प्रभु, आप 'फोर्स्ड बैचलरहुड' का आनंद ले रहे हैं..."<br /><br />महादेव ने मुस्कुराते हुए कहा, "आप स्वयं तो इन सब बंधनों से अलग हो विश्वभ्रमण करते रहते हैं, अच्छे-अच्छे दृश्य देखते-देखते, श्रेष्ठतम व्यंजनों का स्वाद लेते-लेते आपका मन न अघाता होगा... हम यहां भांग खाकर सर्दी में गुजारा कर रहे हैं, और आपको ठिठोली सूझ रही है...?"<br /><br />नारद तो नारद ठहरे, चढ़ा दिया प्रभु को, बोले, "ठीक कहा आपने, महादेव... आपकी ही दुनिया में आपका ही नाम लेकर लोग एक से एक स्वादु पेय बना रहे हैं, और पी रहे हैं... और जब आपको चढ़ाने की बारी आती है, तो भांग और धतूरा चढ़ाकर निपटा देते हैं... आप स्वयं धरती पर जाकर उन पेय पदार्थों का आनंद क्यों नहीं लेते... फुर्सत भी है आजकल..."<br /><br />महादेव को भी बात जंच गई, बोले, "कह तो आप ठीक ही रहे हैं, नारद जी... वैसे भी देवी पार्वती के बिना यहां कुछ नहीं रखा... चलिए, चले चलते हैं..."<br /><br />नारद ने तपाक से कहा, "नारायण... नारायण... प्रभु, चलता तो अवश्य, परन्तु भगवान विष्णु को भी प्रणाम करने जाना था, सो, बेहतर हो कि आज आप अकेले ही चले जाएं..."<br /><br />महादेव ने कहा, "कोई बात नहीं, हम अकेले ही पृथ्वी पर हो आएंगे... आप बस भगवान विष्णु से मेरा भी प्रणाम कह दें..."<br /><br />नारद कैलाश से प्रस्थान कर गए, तो भगवान शिव भी रूप बदलकर, कोट-पैंट डाटकर धरती को चल दिए...<br /><br />नीचे पहुंचकर देखा, लोग 'जय शिव शंकर' का नारा लगा-लगाकर ताड़ी, शराब, भांग, गांजा, मारिजुआना, और न जाने क्या-क्या चढ़ाए जा रहे थे...<br /><br />महादेव ने सोचा, "नारद जी सच ही कहते थे... चलो, आज स्वयं भी इन पेयों का भोग लगाता हूं..."<br /><br />सो, महादेव जा पहुंचे एक बार में और काउंटर पर खड़े हो, बारटेंडर से वहां रखी एक बोतल की ओर इशारा करते हुए पूछा, "वह क्या है, भाई...?"<br /><br />बारटेंडर हंसा और पूछा, "पहली बार घर से बाहर निकले हो क्या, भाई... यह बीयर कहलाती है, वैसे भी नए होने के कारण तुम्हारे लिए एकदम ठीक रहेगी..."<br /><br />महादेव ने तपाक से कहा, "तो इधर लाओ..."<br /><br />भगवान ऊंची वाली कुर्सी पर बैठे, काउंटर पर कोहनियां टिकाईं, और बीयर की बोतल हाथ में आते ही उसे सीधे हलक में उड़ेल लिया...<br /><br />बारटेंडर का मुंह खुला रह गया, सोचने लगा, "जो व्यक्ति बीयर का नाम तक नहीं जानता था, वह एक ही बार में पूरी बोतल गटककर भी सीधा कैसे बैठा है... पट्ठे की कैपेसिटी मस्त है..."<br /><br />तभी महादेव ने उसे फिर पास बुलाया और बोले, "यह क्या पानी पिला रहे हो... कुछ दमदार भी है क्या तुम्हारे पास...?"<br /><br />बारटेंडर ने झिझकते हुए व्हिस्की की एक बोतल भगवान की ओर बढ़ा दी...<br /><br />प्रभु ने व्हिस्की की बोतल का भी बीयर वाला ही हश्र किया, और बिल्कुल आराम से बैठे रहे...<br /><br />अब तो बारटेंडर का चेहरा देखने लायक हो गया...<br /><br />जब तक वह कुछ सोच-समझ पाता, प्रभु ने हुक्म दिया, "भाई, तुम्हारे पास जो कुछ भी है, सब ले आओ..."<br /><br />बारटेंडर घबराकर रम, वोदका, जिन, स्कॉच, जो कुछ भी था, सब एक-एक बोतल ले आया...<br /><br />भगवान ने उसकी ओर मुस्कुराते हुए देखा, और एक-एक कर सभी बोतलें हलक में उड़ेलते गए...<br /><br />अब तक बार में मौजूद बाकी लोग भी अपना पीना छोड़ महादेव का पीना देखने लगे, और बारटेंडर तो घबराया हुआ तमाशा देख ही रहा था...<br /><br />जब भगवान ने सब खत्म कर दिया, और उसके बावजूद बिल्कुल सीधे बैठे रहे, तो बारटेंडर ने सोचा, "यदि ऐसा ग्राहक पक्का हो जाए तो वारे-न्यारे हो जाएंगे..."<br /><br />यही विचार मन में रखकर उसने बहुत ही शिष्टता से भगवान से कहा, "आप जितनी पी चुके हैं, उतने में तो ये सब लोग लुढ़क चुके होते... आप ने सब खत्म कर दिया, फिर भी आराम से बैठे हैं, आपको चढ़ी ही नहीं... जरूर आप कोई बहुत बड़ी हस्ती हैं... प्लीज, मुझे बताइए, आप कौन हैं..."<br /><br />भगवान ने भी एक पल सोचा, फिर बोले, "हम तुम्हारे व्यवहार से प्रसन्न हैं, सो, बताए देते हैं... हम भगवान शिव हैं..."<br /><br />बारटेंडर मुस्कुराया, लोगों की तरफ मुड़ा, और बोला, "अब चढ़ी साले को..." <br />http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_09.htmlAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-83788465329762485222010-11-08T19:06:06.905+05:302010-11-08T19:06:06.905+05:30डाक्टर मुo असलम क़ासमी
कहते है धर्म मूर्खो के लिए...डाक्टर मुo असलम क़ासमी<br />कहते है धर्म मूर्खो के लिए नही होता<br />शायद इसी लिए धरती जनम के इतने साल बाद भी संतो के कुछ चंद नाम ही गिने जा सकते है<br /><br />जरा इनकी बातो पर गौर फरमाइए<br />ये भारत को हिन्दू राष्ट बनाने का विरोध करते है और तर्क क्या देते है<br />क्या है अश्वमेघ यज्ञ?<br />इस यज्ञ में एक ‘ाक्तिशाली घोड़े को दौड़ा दिया जाता था, जो भी<br />राजा उसको पकड़ लेता उससे युद्ध किया जाता और उसके राज्य को अपने राज्य<br />में मिला लिया जाता था।<br />प्रश्न<br />यह है कि क्या ‘ाान्तिपूर्ण रह रहे पड़ोसी के क्षेत्र में घोड़ा छोड़कर<br />उसे युद्ध पर आमादा करना जायज़ होगा? और ‘आ बैल मुझे मार’ वाली कहावत पर<br />अमल करते हुए ‘ाान्ति से रह रहे पड़ोसी से युद्ध कर के उसके क्षेत्र पर<br />कब्ज़ा कर लेना, यह कौन सी नैतिकता होगी? और क्या अन्तर्राष्ट्रीय कानून<br />इस की अनुमति देगा?<br /><br />ये आर्यावर्त में फैले एक राजपरम्परा थी न की हिन्दू परम्परा<br />इसी तरह अग्रेजो ने नीति चलायी थी की जिस राजा के संतान नही होगी उसको वो अपने राज्य में मिला लेगे<br />दुनिया के हर कोने में इस तरह की परम्परा थी<br /><br />अब इनको क्या लगा की यदि हिन्दू राष्ट हो गया तो भारत का प्रधानमंती एक घोडा छोड़ेगा .जो अगर पकिस्तान या चीन में घुस गया<br />तो वह से हमें लड़ाई करनी पड़ेगे<br />सही मायने में भारत ने आज तक कभी लड़ाई की पहल ही नही की ,सदेव बचाव किया है<br /><br />लड़ाई सदेव इस्लाम धर्म के ठेकेदार पकिस्तान ने किया है और जो भी इस्लाम राष्ट है उनकी हालत कुत्तो से भी बेबतर है<br /><br />हा हा हा हा हा हा हाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-17090355725807327052010-11-08T11:46:41.086+05:302010-11-08T11:46:41.086+05:30bahut hi achhi jakariyo ka bhandaar hai aapka blog...bahut hi achhi jakariyo ka bhandaar hai aapka blog.<br />aapke is adbhut gyan ki paribhashha mere shabdo me nahi sama sakti . bahut hi badhiya likhte hai aap likhan me duub kar .aapko hardik naman.<br /> mera housla badhane ke liye bhi aapko bahut hi dhanyvaad.<br /> poonamपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-13388932168823751242010-11-06T23:26:34.477+05:302010-11-06T23:26:34.477+05:30हिमवंत जी आपका बिचार बिलकुल सही और सार्थक प्रयास म...हिमवंत जी आपका बिचार बिलकुल सही और सार्थक प्रयास में जुड़ने लायक है धर्म जागरण अपनी उस जातीय पंचायत को और मजबूत करना ,अपनी पाचन क्रिया को ठीक रखना ,यही प्रयास है.बहुत-बहुत धन्यवाद.सूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-88906602042031755362010-11-06T12:17:17.665+05:302010-11-06T12:17:17.665+05:30पंडित धर्म प्रकाश विधर्मी चर्च के चंगुल मे फंस गया...पंडित धर्म प्रकाश विधर्मी चर्च के चंगुल मे फंस गया दिखता है। वेदों से आरम्भ सनातन परम्परा उपनिषदों तथा अरण्यकों से होते हुऐ पुराणों और सगुण-निर्गुण भक्ती-मार्ग की धारा आज भी निरंतर बह रही है, विचार परम्परा निरंतर चल रही है। कुमारी के गर्भ से जन्मे तथाकथित ईश के अनुयायी उस सनातन परम्परा को नही मानते। अतः उनका मार्ग मृत मार्ग है। वह अंधे खड्डे मे गिराएगा। जीवंत परम्परा आज भी चल रही है। आज भी त्यागी महापुरुषो का अवतरण जंबु द्वीप पर हो रहा है। जंबु द्वीप से हीं विश्वधर्म का प्रकाश फैलेगा। म्रुत व्यक्ति के मृत विचारो मे विश्वास के नाम पर गुलामी के जंजीर मे मत फंसना पंडित धर्म प्रकाश।Himwanthttps://www.blogger.com/profile/15073248042334425850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-58325357051643125552010-11-06T01:05:23.157+05:302010-11-06T01:05:23.157+05:30इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-90972123811283767352010-11-06T00:59:53.101+05:302010-11-06T00:59:53.101+05:30मेरे भाई हिन्दुस्तान मे राजनीति के हमाम मे सब नंगे...मेरे भाई हिन्दुस्तान मे राजनीति के हमाम मे सब नंगे है। <br />सारी पार्टियां चोर चोर मोसेरे भाई हैं ये पब्लिक को दिखाने के <br />लिये एक दूसरे के विरोधी हैं। देश मे जितने भी संगठन या पार्टी है सबका मकसद सत्ता है<br /><br />बहिरा बांटे रेवड़ी अंधरा चीन्ह चीन्ह के देय<br /><br />ऐसी कौन सी पार्टी है या ऐसा कौन सा नेता है जो भ्रष्ट नही <br />है आज कल तो भ्रष्टाचार की होड़ मे संत महत्मा भी कूद पड़े <br />हैं। राजनीती मे धर्म और धर्म मे राजनीती घुस कर खिचड़ी बन <br />गयी है। मेन मकसद है पैसा कैसे कमायें करोंड़ो रुपये फूंक कर गद्दी पायी अगले चुनाव मे लगाना है।<br /><br />अपने भारत मे गुलामी का सैकड़ों साल पुराना जींस फुल फॉम मे है हम और आप लोग ही उसे जिंन्दा रखे हुऐ है जैसे हर नेता हर पार्टी हर संगठन के पीछे भारी भीड़ है। नेता. पार्टी; संगठन; चाहे जो करवा दे गुलाम मरने मारने पर उतारु हो जाते हैं। जितना मंा बाप की इज्जत नही करते अपने बुजुर्गो का कहना नही मानते उससे ज्यादा नेताओं, पार्टी,संगठनो का कहना मानते है इनके कहने पर कुछ भी करने को तैयार है। हमारे पूर्वजो ने मुगलो फिर अंग्रेजों की गुलामी की आज हम नेता पार्टी संगठनो की गुलामी कर रहे है।<br />जिस दिन ये गुलामी का जींस मर जायेगा उस दिन ये नेता और अपना भारत सुधर जायेगा।<br />अब देखिये यदि मै किसी पार्टी से जुड़ा हूं तो विरोधी पार्टी के उूपर खीज उतारुंगा क्योकि वो सत्ता मे है जिस दिन मेरी पार्टी सत्ता मे आजायेगी मुझे अपनी पार्टी जिससे मै आस्था से जुड़ा हूं उसकी गलती पर मजबूरी है मै आंखें बंद कर लूंगा।<br />क्योकि मे गुलामी की जंजीरों से जकड़ा हूं कही न कहीं मेरा स्वार्थ भी जुड़ा है।<br /><br />भाई खीज कर अपने खून को मत जलाओ कमजोर हो जाओगे। चिल्लाते चिल्लाते कई उूपर चले गये नेताओं को कोई फर्क नही पड़ता मोटी खाल के होते है नेताओ की जात अलग होती है। इनके इंसान का दिल नही रहता और न ये इंसान रह जाते हैं <br /><br />एक लेख पढ़ा था <br /><br />अगर दुनिया को बदलना है तो खुद को बदल डालो दुनिया अपने आप बदल जायेगी। <br />इस जींस को मारने की शुरुआत हमे और आपको करनी पड़ेगी।<br />फालतू मे अपनी एनर्जी नंगा करने मे वेस्ट कर रहे हैं।<br />आसमान मे थूंकोगे थूक वापस मंुह पे गिरेगा <br />पहले हम इस गुलामी से बाहर निकले और फिर दूसरो को निकालने मे ताकत लगाये। हम अपनी ताकत नेताओ या पार्टी या संगठन मे बर्बाद कर देते है<br /><br />अच्छे प्रयास सार्थक होते हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-45011918618356788762010-11-05T21:46:26.164+05:302010-11-05T21:46:26.164+05:30जिस प्रकार किसी आधुनिक संग़ठन को ठीक से चलाने के ल...जिस प्रकार किसी आधुनिक संग़ठन को ठीक से चलाने के लिए विभाग बनाए जाते है ठीक उसी प्रकार जाति व्यवस्था को हमारे समाज का विभागीकरण माना जाना चाहिए। प्रत्येक विभाग पुरे संगठन के एक छोटे दायरे मे काम करता है ईसलिए वह ज्यादा व्यवस्थित होता है। हमारे यहा जाति व्यवस्था बेहद मजबुत है। लेकिन जिस प्रकार विभिन्न विभागो मे आपसी तालमेल के लिए एक निश्चित अवधि पर बैठके जरुरी होती है उसी प्रकार ...... कुम्भ के अवसर का सही उपयोग नही हो रहा है। वह पण्डो के लुटने का मेला बन कर रह गया है।Himwanthttps://www.blogger.com/profile/15073248042334425850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-81735365304840317722010-11-03T17:07:11.747+05:302010-11-03T17:07:11.747+05:30धर्म जागरण विभाग की हिन्दूहित-देशहित की कोशिश को ह...धर्म जागरण विभाग की हिन्दूहित-देशहित की कोशिश को हम सब तक पहूंचाने के लिए धन्यवाद।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02964602014678479457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-42332464586400894722010-11-02T20:54:55.559+05:302010-11-02T20:54:55.559+05:30विचारणीय...विचारणीय...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4662696190142895447.post-20689832589094466122010-10-31T23:38:25.217+05:302010-10-31T23:38:25.217+05:30बहुत अच्छी जानकारी दी आपने ...आभारबहुत अच्छी जानकारी दी आपने ...आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com