आज सम्पूर्ण विश्व में मानवता पर्यावरण की चर्चा बड़े जोरो से चल रही है और यह चर्चा वे लोग कर रहे जिनका मानवता से कोई सम्बन्ध नही है दुनिया में दो प्रकार की बिचार धारा है. जो यह कहते है की मेरा ही बिचार ठीक है मेरे ही बिचार से दुनिया में मानव को सुख शान्ति मिल सकती है.लेकिन जब हम उनकी पृष्ठिभूमि देखते है तो इतिहास बताता है कि एक बिचार धारा जिसके अनुयाइयो ने दुनिया को सभ्य बनने के नाम पर लाखो की हत्या की और आज सभ्यता के नाम पर माफ़ी मागते फ़िर रहे है. एक दूसरी बिचार धारा है जिसने अपने बिचार को सर्ब्श्रेष्ठ मानकर मेरा धर्म दुनिया को जन्नत दे सकता है ।
मेरी बात माननी ही पड़ेगी एक हाथ में धार्मिक ग्रन्थ और दुसरे हाथ में तलवार लेकर लाखो करोनो की हत्या की इतना ही नही तो मेरे पुस्तक में जब सब कुछ लिखा है तो और पुस्तको की क्या आवश्यकता है ? नालंदा, तक्षसिला जैसे विश्व विद्यालयो को जलाकर खाक कर दिया.,पश्चिम में एक और बिचार ने जन्म लिया जिसको हम बामपंथी बिचार धारा के नाम से जानते है उसने भी अपने को मानवता का सबसे बड़ा ठेकेदार बताया. उनका मानना था की धर्म अफीम की गोली है मनुष्य केवल अर्थ के लिए जीता है उन्होंने मानवता के नाम पर सोबियत रुश में लेनिन ने क्रांति की पर ३करोण ५० लाख निरपराध जनता की हत्या की .चीन में भी क्रांति के नामे पर मौचेतुंग ने ५करोण ५० लाख जनता को मारा नेपाल जसे छोटे से देश में प्रचंड, बाबुराम के नेतृत्वा में ४० हजार नेपालियों की हत्या की ऐसे भारत समेत दुनिया में कुल मिलकर दसियों करोण लोगो की हत्या हुई।
आज दुनिया इन्ही बातो से दुखी है .भारत का धर्म. भारत का बिचार. यानी हिंदू बिचार जिसमे "सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया" जियो और जीने दो का संस्कार प्रकृति में इश्वर को देखना नदियों, पहाड़ो को पूज्य मानना, हिंदू ही मनता है की किसी भी रास्ते से मनुष्य को मोक्ष प्राप्त हो सकता है इसीलिए यहाँ शास्त्रार्थ की ब्यवस्था है । इस कारण हिंदू समाज की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है, दक्षिण अफ़्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेलशन मंडेला ने एक पत्रकार बारता मे बताया कि विश्व मे हिन्दू संस्कृति ही जो मानवता का सन्देश देती है, जियो और जीने दो मे बिसवास करती है, इस कारण दुनिया को सुख, समृद्धि और शांति रास्ता इसी बिचार से मिल सकता है । आइये हम हिंदू समाज को संगठित करे।
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मेरी बात माननी ही पड़ेगी एक हाथ में धार्मिक ग्रन्थ और दुसरे हाथ में तलवार लेकर लाखो करोनो की हत्या की इतना ही नही तो मेरे पुस्तक में जब सब कुछ लिखा है तो और पुस्तको की क्या आवश्यकता है ? नालंदा, तक्षसिला जैसे विश्व विद्यालयो को जलाकर खाक कर दिया.,पश्चिम में एक और बिचार ने जन्म लिया जिसको हम बामपंथी बिचार धारा के नाम से जानते है उसने भी अपने को मानवता का सबसे बड़ा ठेकेदार बताया. उनका मानना था की धर्म अफीम की गोली है मनुष्य केवल अर्थ के लिए जीता है उन्होंने मानवता के नाम पर सोबियत रुश में लेनिन ने क्रांति की पर ३करोण ५० लाख निरपराध जनता की हत्या की .चीन में भी क्रांति के नामे पर मौचेतुंग ने ५करोण ५० लाख जनता को मारा नेपाल जसे छोटे से देश में प्रचंड, बाबुराम के नेतृत्वा में ४० हजार नेपालियों की हत्या की ऐसे भारत समेत दुनिया में कुल मिलकर दसियों करोण लोगो की हत्या हुई।
आज दुनिया इन्ही बातो से दुखी है .भारत का धर्म. भारत का बिचार. यानी हिंदू बिचार जिसमे "सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया" जियो और जीने दो का संस्कार प्रकृति में इश्वर को देखना नदियों, पहाड़ो को पूज्य मानना, हिंदू ही मनता है की किसी भी रास्ते से मनुष्य को मोक्ष प्राप्त हो सकता है इसीलिए यहाँ शास्त्रार्थ की ब्यवस्था है । इस कारण हिंदू समाज की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है, दक्षिण अफ़्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेलशन मंडेला ने एक पत्रकार बारता मे बताया कि विश्व मे हिन्दू संस्कृति ही जो मानवता का सन्देश देती है, जियो और जीने दो मे बिसवास करती है, इस कारण दुनिया को सुख, समृद्धि और शांति रास्ता इसी बिचार से मिल सकता है । आइये हम हिंदू समाज को संगठित करे।
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1 टिप्पणियाँ
केवल भारतीय बिचार को छोड़कर पश्चिम की बिचार धारा इस्लाम ,ईशाई व बामपंथी ये सभी मानवता बिरोधी भारत बिरोधी और हिन्दू बिरोधी भी है.
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