ये भारत पर आक्रमण है या हिंदुत्व को समाप्त करने की साजिस ..

     भारत पर आक्रमण कोई नई बात नहीं सर्व प्रथम सिकंदर ने भारत की संप्रभुता, सम्पन्नता को देख कर हमला किया था उसका मुठभेड़ जब पोरस से हुआ तब उसका विश्व विजय क़ा ख्वाब अधुरा  छोड़कर वापस जा भी नहीं पाया, उसके सेनापति को चन्द्रगुप्त से अपनी पुत्री क़ा बिवाह करके संधि करनी पड़ी ऐसा उस समय भारत क़ा पौरुष था, समय बीतते परम्परा व समय में परिवर्तन आया बौद्धों क़ा प्रभाव होने क़े कारण भारत कमजोर हुआ सीमाए सिकुड़ने लगी फिर भी हम सारी दुनिया से सुखी और संपन्न थे .
       दुनिया की ललचाई आखे भारत की तरफ देख ही नहीं रही थी बल्कि कभी शक तो कभी हुड क़े रूप में आक्रान्ता बराबर हमले किया और वे समाप्त भी हो गए पश्चिम की मुस्लिम [इस्लाम] क़े अनुयाई जो असभ्य बर्बर और कबिले में रहने वाले थे, उन्होंने भारत क़े ऊपर इस्लाम क़े नाम पर नरसंहार ही नहीं किया बल्कि मानवता को भी तार-तार कर दिया, उन्होंने कहा की जब खुदा मस्जिद में रहता है तो अन्य देवालय की क्या आवस्यकता? अयोध्या ,मथुरा ,काशी ही नहीं भारत क़े हजारो लाखो मंदिर को नष्ट कर दिया जजिया कर लगाये, आगे कहा की जब सभी बाते कुरान में लिखी हुई तो अन्य धार्मिक पुस्तकों की क्या जरुरत ? नालंदा, तक्षशिला जैसे वि.वि.क़े पुस्तकालय को जलाकर खाक कर दिया छः-छः महीने जलते रहे.
       सौभाग्य से उस समय जहा बाप्पा रावल, राणाप्रताप, शिवाजी महराज, क्षत्रसाल जैसे बीर पराक्रमी योधा थे, जिन्होंने केवल बिधर्मियो से मुकाबला ही नहीं किया बल्कि पूरे भारतीय जनमानस में विस्वास बनाये रखा, दूसरी तरफ आदि शंकराचार्य क़े समान स्वामी रामानंद, स्वामी रामानुज ने सभी जातियों में महान संतो को जन्म दिया, उनकी अध्यात्मिक शक्ति इतनी अधिक थी की इन लोगो ने पूरे हिन्दू समाज को संगठित करके रखा और समाज पर राजनैतिक प्रभाव न पड़े  अध्यात्मिक प्रभाव बनाये रखा इस नाते पूरे हिन्दू समाज पर संतो क़ा शासन था .
        लेकिन आज भारत क़े ऊपर आमने सामने क़ा हमला नहीं है १९४७ में देश बिभाजन क़े पश्चात् राष्ट्रबादियो क़े हाथ में सत्ता नहीं आयी सत्ता गोरे अंग्रेजो ने काले अंग्रेजो क़े हाथ में सौप दी जिनके पास देश क़े लिए कोई विजन नहीं था, भारत जिसके नाते दुनिया में जाना जाता था उसी को समाप्त करने क़े लिए कमर कस लिया, देश क़ा बिभाजन करके सत्ता सुख में ब्यस्त हो गए, सबसे उपजाऊ जमीन बटवारे में चली गयी, जब हिन्दू, मुस्लिम दो राष्ट्र क़े नाते देश क़ा बटवारा हुआ तो फिर यहाँ मुसलमानों क़े रहने क़ा कोई तुक नहीं था, लेकिन देश भी दिया और अपने ही घर में हमने एक और पाकिस्तान पलने क़ा अवसर भी प्रदान करदिया .
       आज कश्मीर की हालत कैसी है हम सभी जानते है आतंकबादियो  की हिम्मत इतनी बढ गयी है की वे हमारी सेना क़े ऊपर  हमले कर रहे है, मुख्यमंत्री ऊमर अब्दुल्ला उलटे सेना क़े ऊपर ही कटाक्ष करके आतंक बादियो क़े मनोबल को बढा रहे है, गलती मानने से समस्या क़ा समाधान नहीं है अमरनाथ यात्रा पर टैक्स लगाकर ऊमर अब्दुल्ला क्या यह बताना चाहते है ? की कश्मीर में हिन्दुओ क़ा कुछ नहीं है औरेंगजेब क़े शासन की याद दिलाते है एक तो योजना बद्ध तरीके से पूरी घाटी हिन्दुओ से खाली करा ली गयी है, ६०००० से ऊपर हिन्दुओ क़ा क़त्ल किया जा चुका है, ५५०००० हिन्दुओ को घाटी छोड़ने को मजबूर हुए है पिछले दो सालो में १५०० सुरक्षा कर्मी घायल हुए है लगभग ४०० बाहनों को नुकसान पंहुचा है, हिन्दू बिहीन घाटी में पूरी तरह भारत को अनुपस्थित करने क़ा प्रयत्न हो रहा है कश्मीर में आतंकबादी देशद्रोही संगठनों को बिना मतलब महत्व दिया जा रहा है १९५० क़े दसक में मुख्यमंत्री को वजीरे आजम यानी प्रधानमंत्री और राज्यपाल को सदरे रियासत कहा जाता था, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश ब्यापी आन्दोलन ही नहीं किया बल्कि अपना बलिदान देकर कश्मीर में प्रवेश को परमिट रद्द कराया और मुख्यमंत्री, राज्यपाल घोषित कराया लेकिन आज भी देश क़े अन्दर दो -अलग प्रकार क़े झंडे भारत व कश्मीर का लगाया जाता है .
           घाटी में भारतीय फ़ौज ने कभी तोप या हवाई ताकत क़ा प्रयोग नहीं किया राज्य में ५५ प्रतिशत क़े समूह को आतंकबाद से कोई लेना देना नहीं है ४५ प्रतिशत ही अलगाव बादी है, यदि सुरक्षा बलो पर हमले होगे तो वे उन्हें माला नहीं पहिनाए इन्हें सलाखों क़े पीछे ही डालना पड़ेगा या मारना पड़ेगा केंद्र सरकार में बैठे मनमोहन सिंह हो या अन्य मंत्रिमंडल क़े सदस्य वे कैथोलिक सोनिया क़े सामने दुम हिलाने क़े अलावा कुछ नहीं कर सकते, सोनिया को इस देश या यहाँ की परंपरा से क्या मतलब ? यदि कुछ मतलब भी हो तो उसे भारतीय संस्कारो क़े बारे में कितनी जानकारी है इस समय भारत पर परोक्ष रूप से चार प्रकार क़े हमले है एक सेकुलर, दो इस्लाम, तीन चर्च, चार बामपंथ इस प्रकार यदि हम इन किसी पर भरोसा करते हो तो अपने आप को धोखा दे रहे है.
      भारत पर चौतरफा हमला है देश भर में मखतब मदरसों में भारत बिरोधी तालिबानों की नर्सरी तैयार किये जा रहे है नेपाल क़े बार्डर पर मदरसों की भर मार है जहा पर आतंकबादी बिना किसी हिचक क़े पनाह लेते है आज मुस्लिम बैचारिक रूप से भारत को इस्लामिक देश बनाने की मुहीम में जुटा है सारे विश्व से मस्जिद, मदरसों क़े नाम पर करोणों, अरबो की सहायता भारत क़े इस्लामी करण क़े लिए आ रही है, बंगलादेश से चार करोण घुसपैठिये पूरे देश में जगह-जगह पाकेट बनाकर बैठे है, पाकिस्तान से जो आते है वे जाते नहीं उनकी संख्या भी लगभग एक लाख है अफगानिस्तान, इरान इराक से बड़ी संख्या में मुस्लिम योजना बद्ध तारिके से भारत को इस्लामिक देश में बदलना चाहते है सेकुलरिस्ट  इसमें सहायक हो रहे है, यह एक प्रकार क़ा हमला है इसको यदि हम समय रहते नहीं चेते तो वास्तव में भारत -भारत नहीं रहेगा और इसकी जिम्मेदारी हम भारतीयों की ही होगी..
        आज चाहे बामपंथी हो चाहे मदरसे हो अथवा चर्च ये सभी बैचारिक रूप से भारत को ख़त्म करने क़े लिए हमला किये है ये सभी आपस में लड़ते है लेकिन जहा तक हिन्दू क़ा प्रश्न होगा अथवा भारत क़ा प्रश्न होगा वहा ये सभी एक हो जाते है इन तीनो क़ा बिचार भी एक प्रकार क़ा है सभी अनुदार है केवल अपनी ही बात को सत्य मानना यानी मेरा ही बिचार सही है ,सभी हिन्दू दृष्टि कोड क़े बिरोधी है इस नाते यह हमला आमने -सामने क़े हमले से कही अधिक खतरनाक है यह मायाबी युद्ध है कोई सूफी क़े नाम पर तो कोई भगवा वेश क़े ऊपर क्रास पहनकर कोई गरीबो क़े नाम पर लेकिन इन सबका लक्ष्य केवल भारत और हिन्दू समाज है हिन्दुओ देर करने से केवल हम सोचते रह जायेगे और इतिहास हमें माफ़ नहीं करेगा आखिर नागालैंड, मिजोरम, कश्मीर अथवा जहा मुसलमानों क़े पाकेट बने है वही क्यों आतंकबादी पैदा होते है भारत बिरोधी मानसिकता क्यों होती है ? हिन्दुओ क़ा जीना दूभर होता है हिन्दुओ की बहन बेटी सुरक्षित नहीं है, ये कब तक चलेगा एक दिन तो हमें प्रतिकार करना ही होगा . 

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3 टिप्पणियाँ

  1. बहुत अच्छा लेख .काफी जानकारियां भी मिली..लेकिन थोडा हिंदी ठीक से लिखे तो लेख की सुंदरता बढ़ जायेगी.

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  2. aapka lekhpadh kar sach kahun to karib karib itni jaankaari mil jaati haibhi rujhan in samacharo ki taraf dilchaspi rakhne laga hai.aapko padh kar itihaas ya rajniti me ruchi rakhne walo ko ek achchi jaankaari mil sakti hai.
    poonam

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  3. पूनम जी और अनामिका जी को
    बहुत-बहुत धन्यवाद.

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