हिन्दुओ ---! एक ऐसा भी संस्मरण, ---जो हमें चेतावनी देता है----!

            

          नेपाल में

 मै कोई दस वर्षो तक नेपाल में सामाजिक कार्यकर्ता के नाते काम करता था पूरे देश में संगठन के कारन प्रवास होता मावोबादियो का जहा आतंक था वही इस्लामिक कट्टरता भी उसमे सहायक हो रही थी ऐसा लगता था की हिन्दू राष्ट्र के बिरोध में चर्च, मावोबादी और इस्लामिक ताकते मिलकर काम कर रही है, कही -कही तो मस्जिदों से माओबादियो के हथियार भी बरामद हुए और कही- कही चर्च द्वारा आतंक बादियो को धन की ब्यवस्था करायी जाती थी, पूरब से पश्चिम पहाड़ से तराई सभी जगह गठजोड़ प्रत्यक्ष दिखाई देता था बातावरण ऐसा था कि हिन्दू को राजा के साथ जोड़ देने से हिंदुत्व का बहुत बड़ा नुकसान हुआ आज भी हो रहा है।

एक गाँव

एक बार की घटना है वर्ष २००५ दिसंबर मुझे पूर्वी नेपाल के सुनसरी जिले के प्रवास पर जाना था गाव का नाम है रामनगर भुटहा वहा पर मुसलमानों का आतंक था हिन्दुओ का कोई भी पूजा-पाठ सुरक्षित नहीं है, किसी भी अनुष्ठान में गो मांस फेकना आम बात थी एक शंकर जी का मंदिर जहा सावन में लाखो हिन्दू कांवर द्वारा जल चढाने जाता है मै भी कार्यक्रम में गया था मुझे रात्रि में एक कुसवाहा जी के यहाँ ठहराने के लिए बताया गया यदि नाम सही है तो दुखरन ही नाम था उनका एक लड़का प्रोफ़ेसर, एक इंजिनियर पढ़ा -लिखा परिवार है दिसंबर का महिना था मौसम बहुत ठंढा था दिन सुबह सात बजे निकलता था रात्रि को मै उनके यहाँ सोया प्रातः चार बजे ही उन्होंने मुझे जगाया दरवाजे के बाहर दो कुर्सी रखे थे मैंने पूछा की अभी तो बहुत सुबह है दादा क्यों इतने प्रातः जगाया ? उन्होंने मुझसे कहा कि सारा मुसलमान जग रहा है और आप सो कैसे सकते है मै हँसा ------! मै एक महत्त्व पूर्ण जानकारी- जो आपको प्रत्यक्ष दिखाना है इसलिए जगाया है आप बाहर आइये मै उनके साथ कुर्सी पर बैठ गया ।

और अजीव दृष्य

देखते-ही देखते छोटे-छोटे बच्चो का एक ग्रुप जा रहा था प्रत्येक के सिर पर गोल-गोल विशेष प्रकार की टोपी लगी थी, थोड़ी देर बाद लड़कियो का एक ग्रुप दिखाई दिया उनकी भी वेश भूषा विशेष प्रकार की थी उन्होंने मुझसे पूछा की ये सब कौन है --? मैंने बड़ी ही आसानी से उत्तर दिया कि ये तो मदरसे में पढने के लिए जा रहे है बूढ़े दादा ने कहा देखो मुसलमानों के बच्चे इतनी सुबह जग रहे है हिन्दू सो रहा है आगे उन्होंने पूछा कि इनको मदरसे में क्या पढाया जाता है ? मैंने नकारात्मक उत्तर दिया, कुसवाहा जी ने जोर देकर बताया, इन बच्चो मदरसों में पढाया जाता है --- यह धरती अल्लाह की है काफ़िर इस पर जबरदस्ती कब्ज़ा किये हुए है तुम्हारा पहला कर्तब्य है कि इस्लामिक शासन द्वारा काफिरों से अल्लाह की धरती को मुक्त कराना, बचपन से ही इस प्रकार का संस्कार --- मुसलमानों के बच्चो को दिया जाता है जिससे वे चाहे डाक्टर हो, इंजीनियर बने या वैज्ञानिक वे अपना पहला कर्तब्य इस धरती को काफिरों से मुक्त कराना, मै उनको सुनता ही रहा और हिन्दुओ की उदारता के बारे में बिचार करता रहा।

मेरा ज्ञान बढ़ा

मुझे लगा कि मुसलमान केवल मुसलमान ही होता है और कुछ नहीं न वह डाक्टर है न तो अधिबकता न ही राजनेता न किसी देश का नागरिक ये केवल इस्लामिक फ़ौज है फ़ौज---! फिर क्या---? चाहे भारत का पार्लियामेंट हो या अमेरिका का ह्वाईट हॉउस सभी को नष्ट करना ही उसका पहला कर्तब्य ।




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14 टिप्पणियाँ

  1. इसी कट्टरता के चलते ही तो पाकिस्तान , अफगानिस्तान का बुरा हाल है..

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  2. bhai subedaar ji
    sarvpratham to aswasthta ke chalte aapke blog par bahut der se pahunchi hun
    aasha hi nahi purn vishhvas hai mujhe ki meri majburiyo ko samjhte hue aap dil se mujhe xhma karenge .
    aapka is baar ka lekh bhi hamesha ki tarah behatreen laga
    par mujhe lagta hi ki aap se kabhi puchhungi ki aapmusalmaano se itna chidhte kyon hain.
    jaroor iska koi badakaran hoga.agar aap anytha na le to kabhi bhi fursat me jawaab dijiyega
    bahut bahut badhai
    avam sadar naman
    poonam

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  3. जब तक हिंदू खुद को नहीं पहचानता ,खुद के इतिहास,सद् ग्रंथों उपनिषद,गीता,रामायण आदि को नहीं पढता और समझता,क्या वह वास्तव में हिंदू कहलाये जाने योग्य है.केवल अंध:विश्वास के सहारे जीना क्या किसी प्रकार से उचित है.आत्मज्ञान ही रक्षा का बल भी प्रदान करता है.
    मेरे ब्लॉग पर आयें.स्वागत है आपका.

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  4. subedar bahi ji
    yah post main kal se teesri baar karne ja rahi hun .pata nahi kaise tippni ko pura karke post comment par clik karti hun to vo post ho hi nahi rahi hai kya gdbadi ho rahi samajh nahi pa rahi hun bdi himmat karke punah post karne baithi hun pata nahi post ho gi bhi ya nahi .kyon ki karan aap jante hi hain ki aswasthata ke chalte jyada tippni nahi kar pa rahi hun .lekin mujhe apne man ki baat aapko batani hai isliye punah koshish kar rahi hun.
    maine aapke blog par jo tippni di vah sirf mere dil me jo aaya use likh diya.main ye kahna chati hun ki pahli baat to koi bhi dharm granth galat baat nahi sikhata vo to insaan ke upar hai ki vah usme se achhiyan grahan karta hai ya buraiyan.
    dusri baat aaj kal jo hamaare desh v samaaj mejo kuchh bhi ho raha hai uske liye sabhi jimmedaar hain chahe hidu ho ya muslim..
    ham jo akhbaaron v news chhanlo me padhte v dekhte chale aarahe hain .uske liye kisko doshhi thahrayenge.aaj hammare ghar ki bahu -betiyan ghar ho ya baahar kahin bhi suraxhit nahi hain.ghar me bhi bandhak banakar unka shoshhan kiya ja raha hai.gair to gair apne hi parichito dwara vo luti ja rahi hain.abto apni betiyo ko apne hi rishtedaaron ke ghar log bhejane par man me darte hain ki pata nahi vah suraxhit hongi ya nahi .school ya college se jab tak bachche ghar nahi aa jaate man aashankao se ghira rahta hai .
    koi bhi ghridit kary ke liye kisi ek ko ham doshhi kaise kah sakte hain.yah to kisi ke dwara bhi hota aaya hai chahe vah kisi bhi sampraday ka ho.fir hindu aur mslmaan me antar kya raha koi badla lene ke liye apradhi banta hai to koi kisi majburi ke vash me ho kar.
    bas yahi baat mere man me jaise jaise aai vaise main likhti chali gai.
    agar mere man ki baat ko samjhne ke baad bhi aapke dil ko thes pahunchti hai to main waqai me aapse dil se xhma chahti hun.
    aap sadaiv hi mere liye ek aadarsh rahe hain aapse main bahut kuchh seekhti hun .aap jaise desh bhakt-v itni mahatv -purn jankariyon ke gyatagy ki baat ka main virodh nahi kar rahi hun basmera to manaana hi yahi ki insaan pahle insaan hota hai achha ya burayah baad me uske karmo se pata chalta hai .aasha hi nahi mujhe purn vishvas hai ki aap apni chhoti bahe samajh kar meri bhavnaao ko samajh kar mujhe dil se xhma karenge.aur aage bhihmesha ki tarah mera utsaah tatha marg -darshan karte rahenge.
    chaliye ab to apni chhoti bhea ko maaf karte hue muskura to dijiye------------;)
    sadr naman bade bhai ko
    poonam

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  5. पूनम जी नमस्ते
    आपकी टिप्पड़ी मैंने पढ़ी बहुत अच्छा लगा शायद आपको जानकारी होगी की कुरान के ही आदेश पर यूनान, मिश्र .पाकिस्तान, सूडान, काहिरा . बंगलादेश इत्यादि देशो की संस्कृति को ही नहीं उनके पुर्बजो को भी समाप्त कर दिया .कुरान में लिखा है की काफ़िर को अपना मित्र न बनाओ यदि रास्ते में मिले तो तब-तक मारते रहो जब-तक कलमा नहीं पढ़ ले .ऐ मोमिनो -काफिरों की बहन-बेटिया तुम्हारे खेत की मूली है तुम जैसा चाहो वैसा उपयोग करो .[यदि कुरान न मिले तो सत्यार्थ प्रकाश का चौदहवा समुल्लास ] पढना चाहिए.
    बंगलादेश के एक लेखक सलाम आजाद ने अपनी पुस्तक टुटा मठ, हादसा,और शर्मनाक में लिखा है की बंगला देश में कोई भी हिन्दू लड़की जिसकी उम्र १० वर्ष है बलात्कार से नहीं बची है इतना ही नहीं उन्होंने लिखा ही एक-एक बच्चियों के साथ १०-१० मुसलमानों ने बलात्कार किया है ,पाकिस्तान से हिन्दुकी दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है बंगलादेश को आजाद करके हम हिन्दुओ की दुर्दशा देख रहे है ,पूनम जी हमारा समाज बड़ा ही भुलक्कड़ है अभी बिभाजन के बहुत दिन नहीं बीते उससे जड़े मुसलमानों की आबादी बढ़ गयी है आप तो शायद शहर के रहती है लखनव के बगल मलीहाबाद और काकोरी के मुसलमान कैसे है हमलोग जानते है मलीहाबाद का अजीजा खान सरे आम पाकिस्तान के पक्ष में भाषण करता था. हमें वास्तविकता से मुह नहीं मोड़ना चाहिए इस्लाम और कुरान में हिन्दुओ या मानवता के लिए कोई स्थान नहीं है .
    यदि आपको कोई कष्ट हुआ हो तो हमें क्षमा करेगी मै विनम्रता पूर्वक क्षमा प्रार्थी हु.
    सूबेदार.

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  6. नमस्ते सूबेदार जी !

    आप के ब्लॉग पर मई कई दिन से व्यस्तता के कारण नहीं आ पा रहा था इसके लिए क्षमा चाहता हू |

    आप ने एक सच्चाई आँखों देखि लिखी है फिर भी पूनम जी को लगता है कि आप मुसलमानों का विरोध कर रहे है |
    हमारे ख्याल से उनका विरोध होना चाहिए जो समाज को धर्मान्धता के कारण उखाड रहे है |

    @पूनम जी

    कश्मीर के बारे में मुझे कुछ कहने कि जरुरत नही है | जहां पर लाखों हिन्दुओ का कत्ले आम हुआ , लाखों बेघर हुए , रोड कि जिंदगी बीता रहे है | इसका कौन दोषी है ?
    शायद आप चाह कर भी उत्तर नही दे पाएंगी | क्योकि आप मुसलमानों को जानती नहीं है अगर जानती होती तो सूबेदार जी से ऐसा सवाल ही नही करती आप|
    उसी तरह का दूसरा राज्य बनाने जरह है "केरल" इसके बारे में आप खुद मुख्यमंत्री कि बात को पढ़िए | http://bharatgarv.blogspot.com/2010/09/blog-post_8336.html

    मुसलमान कभी भी एक इंसान हो ही नही सकता है वह सिर्फ मुसलमान ही होता है |अगर इंसान बनाए कि कोई कोशिश किये तो चिल कौवे कि तरह झपट पड़ेंगे कमीने मुसलमान |
    एक उदहारण :
    "फिरदौस खान ने अपने ब्लॉग में लिखा कि मैं मंदिर में माता कि गीत भी गाती हू तो सलीम को जैसे पिछवाड़े से कोई पेट्रोल दाल दिया है | बार - बार बहन - फिरदौस का रोना रोता है
    पहले ही रोता है कि पहले हम इंसान है फिर मुसलमान (?)
    मंदिर के बात पर कहता है कि आप इंसान तो है लेकिन मुसलमान नहीं |
    क्यों ? क्योकि फिरदौस खान मंदिर में जाती है | उनका मुस्ल्मियत भंग हो गया इसलिए मुसलमान नहीं है सिर्फ इंसान ही है |
    सलीम एक मुसलमान है इंसान नहीं, क्यों कि इंसान कभी भी मुसलमान हो नहीं सकता है और न इंसान कभी मुसलमान |"

    पूनम जी शायद अब जो सवाल आप सूबेदार जी से पूछा है शायद अब आप का मुसलमानों के प्रति भ्रम हट गया होगा और दुबारा नही पूछेंगी |
    धन्यबाद सूबेदार जी |

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  7. अजय जी नमस्ते
    अपने पूनम जी का ठीक प्रकार से उत्तर दिया है क्या किया जाय हिन्दू बड़ा ही भुलक्कड़ है बार-बार मार खाता है फिर भूल जाता है कही पुनः भारत विभाजन की तरफ न बढ़ जाय अपने बहुत संतुलित ही लिखा है मुसलमान केवल मुसलमान होता है उसके अलावा कुछ नहीं हमारी उदारता ही कायरता बन गयी है बहुत-बहुत धन्यवाद.
    सूबेदार .

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  8. वास्तविक वस्तुस्थिति तो यही है - "हिन्दू सो रहा है... और वो जाग रहे हैं ... "

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  9. आपने मुस्लिम मानसिकता को बेहतरीन ढंग से बेपर्दा किया है. इस्लाम की फितरत ही जेहादी किस्म की है. मानवता की बाते इसके सामने बेमानी है. उनसे भाईचारे की गलतफहमी पाले बिना हम सतर्क रहे और दूसरो को भी सतर्क करे इसी में हमारी भलाई है.
    सबसे पहले हिन्दुओं को जाती, प्रांत, सवर्ण, दलित जैसे वादों-विवादों से ऊपर उठना होगा. और हमारे हित में लड़ रहे लोगो को जबरदस्त समर्थन देना होगा. अगर समर्थन ना दे सके तो कम से कम चुप रहना चाहिए (पूनमजी गौर फरमाए). वरना हम सेकुलरिज्म की अफीम खाकर गांधी-नेहरू छाप गंगा-जमनी तहजीब के तराने गाते-गाते इस हालत में ना पहुँच जाए कि इस देश में हिन्दू औरतो को बुर्का पहने और हिन्दू मर्दों का खतना करने की नौबत आ जाए.
    सेकुलर हिन्दुओ से आग्रह है कि यदि वर्तमान हालात का विश्लेषण करने की अक्ल न हो तो अपने अतीत और इतिहास को पढने की मेहनत करो. और राणा प्रताप या शिवाजी ना बन पाओ तो कम से कम जयचंद तो मत बनो. याद रखो जयपुर में भी प्रात: स्मरणीय महाराणा प्रताप को याद किया जाता है, अकबर के साथ अल्लाहो-अकबर गूंजाकर कौम के साथ गद्दारी करने वाले मानसिंह को नहीं. भले ही वह जयपुर का राजा था.

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  10. एक समय भारत के पडोस मे लंका नाम के देश मे रावण नाम का राजा राज्य करता था. दुष्ट ने राजा राम की पत्नी का हरण कर लिया था. रावण भारत के विरुद्ध दुष्ट शक्तियो का साथ देता था. राजा राम ने ठान लिया की लंका मे सधर्म की स्थापना करेगें. हनुमान को दुत बना कर भेजा. हनुमान ने लंका की सुरक्षा व्यवस्था (सुरसा और लंकीनी) को भेद कर मां सीता से जा मिले. वहां की स्थितियो का विश्लेषण किया तथा राजा राम के संभावित मित्र विभिषण को पहचाना तथा उन्हे विश्वास मे लिया. लंका मे आग लगा कर दुष्टो को भयभीत किया.

    अगर आप (संघ) और सोनिया सरकार ने यह मानकर की नेपाल का राजा रावण था उसे हटाने मे माओवादीयो की मदत की. आप लोगो ने नेपाल से रावण को तो हटा दिया लेकिन आपका विभीषण कहां है. या आप लोग ने विभीषण चयन करने का ठेक्का सोनिया के चचेरे भाई ओबामा को दे दिया है.

    मुझे तो पक्का लगता है की संघ मे भी चर्च की घुसपैठ है. इसलिए संघ ने नेपाल मे आत्मघाती काम किया है.

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  11. कल नेपाल के सीमाव्रतीर्ती नगर बीरगंज मे पुरी पीठाधीस जगदगुरु शंकराचार्य पधारे थे. मेरा मानना है की भारत की सीमाओ की रक्षा का श्रेय देने योग्य व्यक्तियों मे इतिहास से किसी एक व्यक्ति का चयन करना हो तो वह आदि शंकराचार्य ही थें. उस गौरवशाली परम्परा के उतराधिकारी होने के नाते मै उनसे मिला तथा प्रवचन भी सुना. प्रवचन मे उन्होने कई महत्वपुर्ण संकेत दिए. भारत नेपाल के सम्मलित दुश्मन के विरुद्ध व्युह रचना का सुत्र भी दिया. और आशीर्वाद भी दिया नेपाल के सुन्दर भविष्य के लिए.
    मुझे विश्वास है आगे अच्छा ही होगा.

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  12. "बातावरण ऐसा था कि हिन्दू को राजा के साथ जोड़ देने से हिंदुत्व का बहुत बड़ा नुकसान हुआ आज भी हो रहा है"..... हिन्दु राजा के प्रति यह टिप्पणी हजम नही हुई. हिन्दु राजा तो हट गया और जो स्थान खाली हुआ, वहां चीनपरस्त वामपंथी बैठ गए. यह कैसी बुद्धिमतता है?

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  13. नेपाल के सीमावर्ती नगर बीरगंज मे पुरी पीठाधीस जगदगुरु शंकराचार्य के आगमन से लोगो मे बडा उत्साह है. अपने दो दिनो के प्रवास मे उन्होने कई महत्वपुर्ण संकेत दिए. भारत नेपाल के सम्मलित दुश्मन के विरुद्ध व्युह रचना का सुत्र भी दिया. नेपाल मे राम राज्य और जनक राज्य स्थापना करने की बात भी उन्होने कहा. हिन्दु समाज को व्यक्तिगत स्वार्थो से उठ कर वर्गीय हित के लिए काम करने का उन्होने
    आव्हान किया.

    भारत की सीमाओ की रक्षा का श्रेय देने योग्य व्यक्तियों मे इतिहास से किसी एक व्यक्ति का चयन करना हो तो वह व्यक्ति निश्चित रुपेण आदि शंकराचार्य ही होगे. उस गौरवशाली परम्परा के उतराधिकारी होने के नाते नेपाल के प्रति उनकी चिंता को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

    युपीए सरकार की गलत विदेश नीति के कारण नेपाल के लोगो मे भारत के प्रति नाराजगी है. लेकिन शंकराचार्य के प्रति लोगो ने बडा सम्मान और आस्था दिखाया.

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  14. माफ़ कीजियेगा छोटे मुह बड़ी बात कहने के लिए पर एक इंसान होने के नाते मै ये कहना उचित समझती हु की अगर आपने कुशवाहा जी बात को न मान कर उस काफिले से जा कर खुद पहुचा होता की क्या मुसलमानों को एक मात्र उद्देश यही है और उन बच्चो ने आपको यही बताया होता तो सायद आप का कहना उचित होता ....................................

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