गोरखपुर गोरक्षनाथ की धरती कही जाती है ये भूमि नेमिनाथ, महंथ दिग्विजय नाथ जैसे तमाम तपस्वी और राष्ट्रभक्तो की तपस्थली रही है इन्ही तपस्वियों में से योगी आदित्यनाथ का भी नाम अग्रगणी स्थान पर है वैसे तो कहा जाता है की इनके अन्दर बैठा मन महंथ दिग्विजयनाथ जी का है योगी अत्यंत प्रतिभा सम्पन्न अध्ययन शील विबेकी और दूर द्रष्टा है, गोरक्षपीठ वैसे तो राजनैतिक पीठ भी कही जा सकती है उसका कारण भी है आज का समाज हर उस विषय को राजनैतिक दृष्टि से देखता है जहा देश भक्ति अध्यात्म का संगम होता है, यह पीठ तो देश भक्ति की भूमिका में आगे रहने के कारण भी है जब देश में सूफियो द्वारा धर्मान्तरण का कुचक्र चलाया जा रहा था उस समय गुरु गोरखनाथ ने पूरे भारत में अलख जगाकर धर्मान्तरण को रोका, इतना ही नहीं महंथ दिग्विजयनाथ जी ने देश की आज़ादी के संघर्ष में केवल सेनापती के सामान काम ही नहीं किया बल्कि हिन्दू समाज को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वे हिन्दू महासभा के अध्यक्ष भी चुने गए, इतना ही नहीं कांग्रेसियों ने तो यहाँ तक प्रचार किया की देश विभाजन के अपराधी ही नहीं 20 लाख हिन्दुओ की हत्या के जिम्मेदार गाँधी की हत्या नाथूराम गोट्से ने महंथ जी की सलाह ही नहीं बल्कि उनकी रिवाल्बर से हत्या की ।
योगी आदित्यनाथ
योगी जी का जन्म 5 जून 1972 को गढ़वाल में हुआ इनकी शिक्षा-दीक्षा श्रीनगर गढ़वाल वि.वि.में हुई B॰Sc करने के पश्चात् वे गोरखपुर आकर गोरखनाथ पर शोध कर ही रहे थे की महंथ अवैद्यनाथ की दृष्टि इनके ऊपर पड़ी वे उनके ही नहीं तो इस पीठ के वे आज उत्तराधिकारी हो गए जब पहली प्रेस वार्ता हुई तो उन्होंने कहा की यदि मै सन्यासी नहीं हुआ होता तो मै संघ का प्रचारक होता, आज भी उनका व्यवहार एक प्रचारक जैसा ही है यदि उन्हें पता चलता है की इस गाँव में मतान्तरण हो रहा है तो वे तुरंत पहुंचकर उनकी घर वापसी करते है हम सभी को पता है की उत्तर प्रदेश का पूर्वी हिस्सा आतंकवाद के अंगारे पर बैठा है यदि यह पीठ न हो और योगी जैसा नेतृत्व न होता तो क्या होता उसका अनुभव हम कर सकते है एक तरफ नेपाल से जुडी सीमा जहाँ इस्लामिक आतंकवाद की नर्सरी, मखतब और मदरसे द्वारा पनप रहा हो और चर्च अपना षणयंत्र कर केवल मतान्तरण ही नहीं तो देश विरोधी गतिविधियो में लिप्त हो वहाँ केवल मन्दिर यानी गोरखनाथ मंदिर जिसका नेतृत्व योगी जी करते है, इतना ही नहीं इस मंदिर के द्वारा बहुत सेवा कार्य छात्रावास और बहुत सारी सामाजिक गतिविधियां 36 संस्थाएं सहित चलती है, शिक्षा के क्षेत्र में तो कुछ कहना ही नहीं यदि कहा जाय तो गोरखपुर की शिक्षा, मंदिर ही चलता है तो अतिशयोक्ति नहीं होगा. जिस प्रकार स्वामी दयानंद सरस्वती के अन्दर देश भक्ति की ज्वाला थी और देश बचाने, हिन्दुओ को बचाने के लिए आर्य समाज की स्थापना की उसी प्रकार योगी जी पूरे मंदिर और अपने राजनैतिक कैरियर का उपयोग कर हिन्दु समाज को बचाना और देश भक्ति की ज्वाला को जलाये रखना ही नहीं तो देश भक्तो की श्रंखला खड़ा करना यह योगी का महत्व पूर्ण काम है कभी-कभी इसी काम को लोग सांप्रदायिक भी कहते हैं लेकिन यदि देश भक्ति और धर्म रक्षा सांप्रदायिक है तो सांप्रदायिक होना कोई गलत भी नहीं आज ऐसे योगियों की देश को आवश्यकता है और भारत माता रत्नगर्भा है उसे पूरा ही करेगी ।
संघर्ष शील योगी
पूज्य योगी आदित्यनाथ जी अत्यंत साहसी भी है १९९९ में पचरुखिया गाव में 'छठ की पूजा स्थान' पर मुसलमानों ने 'कब्रिस्तान' बनाने की साजिस की योगी को वहा के ग्रामीणों ने सुचना दी योगी वहाँ पहूँचे पीपल का वृक्ष लगाया धर्म सभा हुई गाव वालो को संबोधित किया विधर्मियो ने घेर कर योगी को मारने को साजिश की फिर क्या था, जिसमे गोली भी चली एक की हत्या भी हुई लेकिन योगी जी हिले तक नहीं पूरा हिन्दू समाज उनके साथ खड़ा रहा परिणाम स्वरूप गोरखपुर में एक विराट हिन्दू सम्मलेन हुआ जिसमे आचार्य धर्मेन्द्र, साध्वी ऋतंभरा, रामचंद्र दास परमहंस और डॉ रामविलास वेदान्ती इत्यादि संतो का हुंकार हुआ और सरकार को झुकाना पड़ा, आज योगी जी बीजेपी ही नहीं हमारे हिन्दू समाज के रोल माडल है प्रति लोकसभा के चुनाव में अपने जीत का अंतर बढ़ाते हुए हिन्दू समाज की मर्यादा को बचाए रखते है ऐसे है हमारे गोरक्षापीठाधीस्वर पूज्य योगी आदित्यनाथ, आज पूज्य योगी जी संसद मे राष्ट्रवाद के प्रखर प्रवक्ता संसद को भी नयी दिसा देने वाले संत-राजनेता हैं।
4 टिप्पणियाँ
बहुत अच्छा काम कर रहे हैं योगी जी.
जवाब देंहटाएंयोगी आदित्य नाथ को नमन... उनके बारे में बढ़िया जानकारी प्रस्तुत करने के लिए आपको भी नमन...
जवाब देंहटाएंaise dev swaroop dharm rashak yogi ji mera sat-sat naman...........
जवाब देंहटाएंजय गुरु देव जी कि
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