'गद्दी'------- 'यादव जाती' (हिन्दू) की आठवी कूरी है.

सभी आर्य है 

सामान्यतया विश्व में जो भी जातियां हैं अथवा जिन्हे हम 'जन जाती' कहते हैं सभी का मूलश्रोत भारत और हिंदुत्व के इर्द गिर्द ही है भारत हज़ार वर्षों के संघर्ष के कारण जो वैदिक धर्मावलम्बी जिन्हे सारा विश्व व हम आर्य के नाते जानते हैं, वह सब कुछ छिन्न-भिन्न होते दिखाई देता है पश्चिम से लगातार कबीलाई लुटेरों के हमलों ने हमारी संस्कृति ही नहीं धर्म को भी प्रभावित किया हिन्दू समाज ने अपने धर्म को बचाने हेतु कुछ नियम बनाये आज वही नियम हमारे लिए भारी पड़ रहा है।

 जनजाति नहीं 

 'गद्दी जाती' को जनजाति कहना उन पर अत्याचार करना जैसा होगा ये विशुद्ध ''अहीर'' यानी यादव जाती की ही एक कुरी हैं जैसा ऊपर वर्णन किया है की हज़ार वर्षों के संघर्ष के कारन सब कुछ बिखर गया उसी में अंग्रेजों ने तमाम जाती, उप जाती, जनजाति का मनगढंत वर्णन किया, भारत में कोई 'आदि वासी' नहीं जो शहर में रहता है वह शहर -वासी, गांव का रहने वाला गांव-वासी वन में रहने वाला वनवासी लेकिन वामपंथी और अंग्रेज इतिहास कारों ने अपने स्वार्थ हेतु मनगढंत बातें लिखी जो सत्य व तर्क पर खरी नहीं है, 'गद्दी जाती' यह भगवन बलराम के सुपुत्र ''गदाधर'' के वंशज होने के कारन वे गद्दी कहलाये नेपाल के काठमांडू में २०११ के एक यादव सम्मलेन में यह स्वीकार कर प्रस्ताव पारित किया और बताया की ये यादव की आठवीं कुरी यानी यादव है। 

  परंपरागत हिंदू संस्कृति

 गद्दी हिन्दू मतावलम्बी होते हैं कुछ स्थानो पर मुल्ला -मौलबियों के भ्रम जाल में फंसा कर कुछ इस्लामी परंपरा जैसा व्यवहार भी करते हैं, लेकिन सम्पूर्ण गद्दी ये 'भगवान शिव और माँ पार्वती' के अनेक रूपों (शक्ति) के उपासक हैं अपने स्वस्थ और धन सम्पदा हेतु शक्ति की पूजा करते हैं इनका विस्वास है की प्रेत आत्माओं के कोप के कारन बिभिन्न प्रकार की बीमारी, गर्भपात, पशुओं में महामारी इत्यादि इस कारन उसके शांति करने हेतु भेड़-बकरियों की बलि देकर प्रेत आत्माओं को प्रसन्न करते हैं।ये लोग जादू-टोना ओझा इत्यादि में भी आस्था रखते हैं नवरात्री में शक्ति अथवा देवी की पूजा बड़ी धूम-धाम से करते हैं यह उत्सव वर्ष में दो बार मनाया जाता है एक चैत्र नवरात्री दूसरा दशहरा में, अंतिम दिन बलि देने की प्रथा है धीरे-धीरे पशु बलि के स्थान पर मेवा-मिष्ठान, पूड़ी-सब्जी चढ़ाया जाता है बिहार का सबसे पवित्र पर्व ''छठपर्व'' परंपरागत बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है हिन्दू धर्म के साथ-साथ 'ओझा, गुनी' इत्यादि का भी आदर सम्मान किया जाता है ध्यान देने योग्य बात है की यह सब सम्पूर्ण हिन्दू समाज में होता है सभी जातियों में ओझा, गुणी का सामान आदर है नवरात्री में पूजा हिन्दू समाज के सभी वर्गों में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है । 

 यदि हिन्दू होते तो अति पिछड़ा में आरक्षण मिलता 

  गद्दी उत्तर प्रदेश के लखनऊ इलाहबाद गंगा जी के किनारे पाये जाते हैं कुशीनगर और बिहार मे भी गंडक नदी के दोनों तरफ पश्चिम चंपारण, गोपालगंज तथा नेपाल में भी हैं इस समय इन पर सूफी मुल्ला मौलबी लगे हुए हैं, गंडक के दोनों तरफ इनका धर्म खतरे पड़ा हुआ है इन्हे मुसलमान बनाये जाने की साजिस की जा रही है। 
भारत में आरक्षण हिन्दू समाज के लिए है क्योंकी ईसाई तो बड़े ही अगड़े हुए हैं वहीँ मुसलमान यह कहते नहीं थकते की हमने तो भारत पर सात सौ वर्ष शासन किया तो इन्हे क्यों आरक्षण चाहिए-? वास्तविकता ये हिन्दू जाती है इन्हे आरक्षण मिलाना ही चाहिए लेकिन प्रश्न यह है की जब कुछ लोग इन्हे साजिस के तहत मुसलमान बताने का प्रयास करते हैं तो 'गद्दियों' का नुकसान हो जाता है आज समय की आवस्यकता है की ये सब खुलकर यादवों के साथ खड़े हों और इन्हे बराबर की भागीदारी मिले बीजेपी के एक बड़े नेता ने कहा की यदि ये समाज अपने को हिन्दू कहकर सामने आता है तो इसे अति पिछड़ा में घोषित करायेगे जिससे गद्दियों का पिछड़ापन दूर हो जायेगा।                    

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6 टिप्पणियाँ

  1. समाज वाद के फँसे जातिवाद मे यादव जाति अपना गौरव भूल रहा है आज भी गद्दियों को स्वीकार करने मे साम्प्रदायिकता नज़र आ रही है अपने वंश को भूल रहे हैं, यदि गद्दी मुसलमान रह जायेगा तो वह केवल भारत बिरोधी, हिन्दू बिरोधी ही नही अहिर बिरोधी भी होगा इस कारण उसे अपने समाज मे लेना ही देश व समाज के हित मे होगा --।

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  2. गद्दियों के बारे मे देश भर मे सरकार ने अलग अलग ब्यवस्था दी है कही पर ये पिछड़े है तो कही जन जाती जम्मू मे ये अपने को क्षत्रिय कहते है वही राजपूत महासभा ने एक प्रस्ताव कर इन्हें क्षत्रिय स्वीकार किया है ।

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  3. मै एक हिंदू गद्दी हूं मै यू पी के श्रावस्ती में रहता हूं यहां लगभग 14 गाव में हम है और सब हिन्दू है और हम गद्दी में ही शादी विवाह भी करते है

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    1. आपने जो श्रावस्ती के बारे में जानकारी दी है बहुत बहुत धन्यवाद आपसे निवेदन है कि अपना नम्बर हमे भेजे तो कुछ सहयोग पर हमलोग बात कर सकते हैं।

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  4. Hum bhi apke sath h sabhi gadi ko unki asali pahchan kewal hindu yadav mein samil honda chahiye nikaah aur molana pr kesh karna hoga tabhi ye batao sambhav h

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