नये प्रकार का जिहाद---!

कोरोना जिहाद

जिहाद ये कोई अभी का रोग नहीं है भारत में यह 712 ईसवी से चल रहा है और यह कोई शान्ति, प्रेम मुहब्बत का धर्म नहीं है यह तो मानवता को तार-तार करने वाला सारे विश्व में हिंसा हत्या और बलात्कार पर आधारित गिरोह है इसको धर्म कहना धर्म का अपमान करना है, जिहाद करना यानी क्या तो गैर मुस्लिमों की हत्या करना, उनकी बहन बेटियों से बलात्कार करना और केवल बलात्कार ही नहीं तो सामुहिक बलात्कार जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते ! गैर मुस्लिमों की धन व अन्य संपत्ति को लूटना और लूट के माल को बांटना। विश्व के बहुत सारे देशों में इस शान्ति व प्रेम मुहब्बत के धर्म ने जैसे पारसियों के देश में प्रेम पूर्वक जिहाद किया जो लोग इस्लाम नहीं स्वीकार किया उन्हें प्रेम पूर्वक मौत के घाट उतार दिया गया, जब से भारत में इस गिरोह का प्रवेश हुआ है इन्होने प्रेम पूर्वक लाखों लोगों की हत्या की है, हज़ारों मंदिरों को तोड़ा है, रेप और बलात्कार की घटनाओं का तो कोई हिसाब नहीं है, आज भी जिहाद जारी है सारे विश्व से मुसलमानों का गिरोह धर्म प्रचार के नाम पर ''कोरोना जिहाद'' के लिए हजारों की संख्या में घुस गया है भारत के प्रत्येक मस्जिदों में भरे पड़े हैं कई स्थानों पर पकड़े भी जा रहे हैं लेकिन ''स्क्रिप्ट'' पहले ही तैयार है कौन क्या करेगा-? जब कोई आतंकवादी हमला करेगा तो एक जमात उसके साथ खड़ा हो बोलेगा की आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, जब ये मस्जिदों में पकड़े जाते हैं तो दूसरा खड़ा हो बोलेगा कि यह धर्म में हस्तक्षेप है, यदि सरकार कोई कार्यवाही करेगी तो अल्पसंख्यक अधिकरों का हनन हो रहा है।

जयचंदों की परंपरा

वास्तव में अपने देश में ग़द्दारों की पुरानी परंपरा है जो जयचंद, मानसिंह से शुरू होकर ब्रिटिश काल में राजाराम मोहनराय, नेहरू और यदि कहा जाय तो पूरी कांग्रेसी जमात तथा सरकारी दलाल और वर्तमान काल में बौद्धों के वंशज बामपंथी, अर्बन नक्सलियों का गिरोह ये सभी लोग समय- समय पर जिहादियों के पक्ष में वातावरण बनाने का काम और देश में अराजकता फैलाना ! इसी तरह एक और ''कोरोना जिहाद'' दूसरी तरफ ''अर्बन नक्सली केजरीवाल''  दिल्ली में अराजकता फैलाने का काम किया है। इस समय देश के मूल सामाज यानी हिन्दू समाज को खड़ा होकर देश बचाने के लिए आगे आना चाहिए नहीं तो जिस प्रकार की गतिविधियां 'जिहादियों, नक्सलियों और सेकुलरों' की हो रही है हिन्दुओ के लिए कोई ठौर नहीं बचेगा, केवल सरकार के भरोसे नहीं तो देश हित में कहाँ-कहाँ जिहादी छिपे हुए हैं किस- किस मस्जिद में है स्वयं आगे आकर खोज निकालने होंगे जैसा मैंने ऊपर लिखा है कि इनके विभिन्न प्रकार के रूप दिखाई देंगे। लेकिन ये सबके सब जिहादी हैं यदि आप किसी शान्ति समुदाय अथवा प्रेम मुहब्बत वाले ब्यक्ति पर विस्वास कर रहे हैं तो केवल अपने-आप को ही नहीं अपने परिवार को अपने देश को भी धोखा दे रहे हैं। वर्तमान की स्थिति देखिए, समझिए और देशहित में सतर्कता बरतिए।

आग के अंगारे पर 

बिहार का पूर्वी उत्तरी क्षेत्र जिसमे किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार है,  झारखंड में पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा जिलो में यदि कहा जाय तो 'संथाल परगना' पूरा, बड़ी संख्या में विदेशी मस्जिदों में बैठे हुए है प्रशासन के हाथ -पैर फूल रहे हैं, लोग भयक्रांत है, शासन और प्रशासन कुछ नहीं कर पा रहा है। अब समय आ गया है कि भारतीय संविधान व कानून ब्यवस्था को कडाई पूर्वक लागू किया जाय अब याह तय कारण पड़ेगा कि यह देश सरिया से चलेगा अथवा भारतीय संविधान से सम्पूर्ण भारतीय समाज को विचार करना और देश हित में आगे आना चाहिए।