धन -धरती बट के रहेगी. सभी मजदुर एक हो का नारा लगाने वाले दुनिया को सब्जबाग दिखाकर सत्ता पर कब्ज़ा करना ही मात्र उद्देश्य यानी बामपंथ। दुनिया का पराजित चेहरा बामपंथ को देखने की आवश्यकता नही। भारत और नेपाल को ही देख ले अभी -अभी बंगाल के पूर्ब मुख्यमंत्री ज्योति बाबु को देश ने भावभीनी श्रद्धांजली दी है । उनकी बिशेषता थी कि गरीब को गरीब बनाये रखना, बंगाल से उद्दोग पतियो का पलायन, देश का सबसे पिछडा प्रदेश बनाने को श्रेय उन्ही को जाता है, बंगाल एक ऐसा घर है जिस पर छत तो है लेकिन बारिष का एक भी बुद पानी बाहर नही जाता. जैसे कोई किराये के घर में रहता है उसकी मरमत व देखभाल नही करता ऐसे थे ज्योति बाबु। इस समय नेपाल में माओबादी नेता पुष्प कमल दहाल भारत बिरोधी रट लगाये हुए है, बिभिन्न प्रकार से सीमा का मुद्दा उठाना, कालापानी, १९५० की मैत्री संधि को बार -बार उठाकर जनता में भारत बिरोधी भावना भड़काने का प्रयत्न। यह सभी जानते है की प्रचंड चीन समर्थक है लेकिन वह भ्रमजाल में है. रहते -रहते वे यह भी कहते है की भारत से हमारा रोटी -बेटी का सम्बन्ध है. लेकिन उत्तरमुख होते ही चीन की प्रसस्ति गान शुरू कर देते है चीन को एक सफलता जरुर मिली है, नेपाल का तराई पूर्णतया भारतीय संस्कृत से ओत प्रोत तथा भारत का सहोदर जैसा ही है.
माओबादियो का एक बर्ग उपेन्द्र यादव के नेतृत्व में जनाधिकार फ़ोरम के रूप में उभरा कुछ भारतीयों के सहयोग से तराइ में भी भारत बिरोधी लहर पैदा करने का प्रयत्न किया, इन दोनों को सत्ता तो मिली लेकिन पहाड़ व मधेश के लिए कुछ भी नही किया सत्ता से बाहर होने के बाद, माओबादी कैडर अब प्रचंड का साथ छोड़ रहा देख, अब प्रचंड भारत बिरोधी राग अलाप रहे है, प्रचंड भी यह जानते है की १९५० की संधि नेपाल के हित में है और भारत का सम्बन्ध अटूट है। लेकिन उनका हाल खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचने जैसा है, बामपंथ वैसा ही है जैसा एक झूठ को सैकड़ो बार बोलने से सत्य जैसा लगता है लेकिन वह सत्य नही होता।
कली बेंच देगें चमन बेंच देगें, धरा बेंच देगें गगन बेंच देगें, कलम के पुजारी अगर सो गये तो ये धन के पुजारी वतन बेंच देगें।
हिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में प्रोफेशन से मिशन की ओर बढ़ता "जनोक्ति परिवार "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . नीचे लिंक दिए गये हैं . http://www.janokti.com/ ,
6 टिप्पणियाँ
कली बेंच देगें चमन बेंच देगें,
जवाब देंहटाएंधरा बेंच देगें गगन बेंच देगें,
कलम के पुजारी अगर सो गये तो
ये धन के पुजारी
वतन बेंच देगें।
हिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में प्रोफेशन से मिशन की ओर बढ़ता "जनोक्ति परिवार "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . नीचे लिंक दिए गये हैं . http://www.janokti.com/ ,
welcome
जवाब देंहटाएंआप नेपाल के वामपंथ की बात क्यों कर रहे हैं? स्वयं भारत का वामपंथ भी भारत-विरोधी और चीन-समर्थक रहा है और अब भी है।
जवाब देंहटाएंBada hee sanjeeda aalekh hai!
जवाब देंहटाएंसादर वन्दे!
जवाब देंहटाएंवामपंथ मतलब दोगले लोग !
रत्नेश त्रिपाठी
अच्छी लगी आपकी रचना .. इस नए चिट्ठे के साथ हिन्दी चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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