आज भारत पर शासन तो प्रकारांतर रूप से अपना ही है लेकिन वह उसी प्रकार है जैसा जब देश गुलाम था तो कुछ गुलाम भारतीय अपना ही शासन मानते थे शासन और स्वशासन में अंतर है इस समय भी शासन ईसाई वर्ल्ड क़ा ही दिखाई पड़ रहा है पूरा कंट्रोल अमेरिका व चर्च क़ा ही है झारखण्ड में राष्ट्रपति शासन में सरकार ने चावल बटने क़े लिए चर्च को लगा दिया जिससे आम जनता को लगे की यह चावल चर्च ही दे रहा है हिन्दू जागरण मंच व कुछ राजनैतिक दलों क़े बिरोध करने पर फैसला बदला इतना ही नहीं वनवासी कल्याण आश्रम जो जनजातियो क़े लिए समर्पित है उसका ८० जी. समाप्त कर दिया क्योंकि वह चर्च द्वारा धर्मान्तरण क़े कार्य में बाधा है.
जैसे ब्रिटिश काल में भगत सिंह,चन्द्रशेखर आजाद ,खुदीराम बोस आर्यसमाज व अभिनव भारत जो ब्यक्ति, संगठन देश को आजाद करने क़े लिए संघर्ष करते थे उन्हें देशद्रोही करार देकर सजाये सुनाई जाती थी ठीक उसी प्रकार आज कश्मीर में ६०००० कश्मीरी पंडितो को मारने वाले आतंकी नहीं वे सेना पर हमले करते है तो मुख्यमंत्री ऊमर अब्दुल्ला सेना पर आरोप -प्रत्यरोप करते है उन्हें अपनी सीमा में रहने की हिदायत देते है दसियों हज़ार सिक्खों की हत्या में सामिल सज्जन कुमार को सरकार क्लीनचिट देती है, रघुनाथ मंदिर पर हमला, अक्षरधाम मंदिर पर हमला, वाराणसी हनुमान मंदिर पर हमला और भारत क़े सांसद पर हमला करने वाले सरकार को दिखाई नहीं देते, आखिर समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद, मालेगाव इत्यादि पर किसने किया हमला यह सोचने वाली बात है कही इसी सरकार ने योजना बद्ध तरीके से ख़ुफ़िया एजेंसियों को माध्यम बनाकर यह हमला स्वयं कराया और यह दिखाने क़ा प्रयत्न की केवल मुसलमान ही आतंकी नहीं है हिन्दू संगठन भी आतंकबादी है .
हिन्दू आतंकबादी हो ही नहीं सकता जिस दिन हिन्दुओ क़े स्वभाव में आतंकबाद आ जायेगा उस दिन भारतीयता ख़त्म हो जायेगा हिन्दुओ क़ा स्वाभाविक गुण है उदारता, अहिंसा प्रेम सभी धर्म समान है वह पत्थर में भी इश्वर देखता है लेकिन बर्तमान सरकार अमेरिका द्वारा प्रायोजित ईसाई बर्चस्व को कायम करना, चर्च क़ा पूरा उपयोग करना उन्हें तो एक सफलता मिल ही गयी है की मुसलमान आतंकबादी है इस नाते बेकसूर इराक को तहस- नहसं कर डाला अफगानिस्तान में कौन नही जनता की सारे हथियार देने वाला, आतंकवादी लोदेन को खड़ा करने वाला अमेरिका ही है अब अमेरिका भारत क़े पीछे पड़ा है हिन्दुओ को आतंकबादी सावित कराकर, सोनिया, सेकुलर व बामपथीयो की मदद से भारतीय अस्मिता को समाप्त करना क्योंकि बामपंथी, सेकुलर और चर्च इन सबका एक ही उद्देश्य है .
बर्तमान सोनिया सरकार चर्च, क़े इशारे पर सी.बी.आइ.क़ा दुरुपयोग कर हिन्दू राष्ट्रवादी संगठनों को बदनाम करना उन्हें हतोत्साहित करना, इन्हें कुछ मिल नहीं रहा लेकिन परेशान करना और दुनिया को बताना कि हिन्दू भी आतंकबादी है ,यह सभी को पता था की महगाई क़े मुद्दे पर बिपक्षी एकता सोनिया बर्दास्त नहीं कर पा रही है एक महीने क़े अन्दर कुछ न कुछ तो होगा जिससे बिपक्षी एकता टूट जाय ठीक वही हुवा गुजरात क़े एक मंत्री को पूछ-ताछ क़े नाम पर बुलाया और जेल भेज दिया यह सभी जानते है की सोहराबुद्दीन बहुत बड़ा गुंडा था आतंकवादी था उसके यहाँ हथियारों क़ा जखीरा पकड़ा गया लेकिन उसकी सबसे बड़ी योग्यता यह है कि उसके समर्थक सेकुलर क़े नाम पर जो देशद्रोह कर रहे है, ये सब वही है जो कश्मीर क़े आतंकबादियो को मानवाधिकार क़े नाम पर कश्मीरी आतंकबादियो क़ा समर्थन करते है और वही हुवा अब जहा भा.ज.पा.अपने मंत्री क़ा बचाव करेगी वही साम्प्रदायिकता क़े नाम पर सभी बिपक्षी दल मुस्लिम वोट क़े चक्कर में कांग्रेश क़े साथ होगे .
इस समय देश में आतंकबादी खोजे जा रहे है देश भक्तो क़े जंगल में, न उन्हें कश्मीर में आतंकबादी दिखाई दे रहे है न कसाव न अफजल गुरु, हे भारत सोचो हिन्दुओ को आतंकबादी मत बनाओ नहीं तो क्या होगा---! हिन्दुओ की उदारता को नष्ट मत करो, नहीं तो हिन्दू किसी महापुरुष क़े आने क़ा इंतजार नहीं करेगे वह दिन अच्छा नहीं होगा हे हिन्दुओ उठो जागो और अपनी अस्मितता को बचाने क़े लिए आगे आओ---! ऐसा लगता है चर्च, अमेरिका और मावोबादी क़ा एक समझौता है ये एक दुसरे क़े पूरक है और तो मै नहीं कह सकता लेकिन जब भी भारत क़ा विषय हो तो बिचार से ये सारे तंत्र मिलकर हिंदुत्व व भारत क़े ऊपर एक हमला जैसा ही करते है.
7 टिप्पणियाँ
राष्ट्रिय संसकृति पर खोज पूर्ण लेख्।
जवाब देंहटाएंऐसे ही जागृति लाइए, साधुवाद्।
भारत अभी तक आजाद नही हुआ है। आज भी अमेरीकी एवम ब्रिटीश प्रभु भारत पर अप्रत्यक्ष शासण कर रहे है। दक्षिण एसिया तथा हिमालय के आर-पार दुश्मनी बढवाने का काम कर ये साम्राज्यवादी शक्तिया अपना उल्लु सिधा कर रही है। जब तक हम दक्षिण एसिया के देशो के बीच तथा चीन के साथ मित्रता स्थापित नही करते है तब तक हमारी आर्थिक उन्नति संभव नही है। जब तक आर्थिक रुप से हम प्रभुओ के ईसारे पर नाचेंगें तब तक सम्पुर्ण आजादी सम्भव नही है। देशभक्त हिन्दु शक्ति तथा शुद्ध देशभक्त वामपंथी शक्तियो से देश मे सम्पुर्ण क्रांति की आवश्यकता है। जय श्री राम !!!
जवाब देंहटाएंaapka har lekh jaankariyon ka anmol khajana hai.
जवाब देंहटाएंjinse ham bahut si jankaariyan prapt karte hai.
bahut hi shandar prastuti karan.
poonam
हिमवंत जी
जवाब देंहटाएंनमस्ते
बामपंथी कभी भी देश-भक्त नहीं हो सकते जिन्हें अपनी संस्कृति,परंपरा व महापुरुषों पर गर्व नहीं जो हर बिषय को कार्लमार्क्स क़े चश्मे से देखते है उन्हें भारत क़े महापुरुष नहीं दिखाई देते,देश भक्ति कोई भाषण क़ा बिषय नहीं बिना हिंदुत्वा क़े भारत की कल्पना नहीं हो सकती ,बिना भारत क़े हम अर्थ क्या करेगे.
सुश्री पूनम जी
जवाब देंहटाएंनमस्ते
आपने हमारे पोस्ट पर हमें प्रोत्साहित किया
बहुत-बहुत धन्यवाद.
bahut hi shandar prastuti
जवाब देंहटाएंदीर्घतमा जी,
जवाब देंहटाएंनमस्ते
वामपंथीयो की सोच भौतिक
होने के कारण एक उंचाई पर
पहुंच कर उनका पतन हो जाता
है। लेकिन वामपंथी देशभक्त हो
ही नही सकते ऐसा सोचना
ज्यादती तो नही ।
हिन्दु समाजको जगाने के काम
के लिए धन्यवाद