भारत हमेशा बहु सांस्कृतिक - बहुभाषिक देश रहा है इसकी पाचन शक्ति बड़ी ही मजबूत रही है जिस प्रकार बहुत सी नदिया गंगा जी में मिलकर भी और कुछ न होकर गंगा जी ही रहती है भारत के पूर्बी, दक्षिणी और उत्तरी दिशा में सैकड़ो नदिया समुद्र मिलकर भी समुद्र के प्रकृति में कोई परिवर्तन नही कर पाती समुद्र- समुद्र ही बना रहता है। उसी प्रकार हजारो वर्षो से बिभिन्न प्रकार की संस्कृतिया यहाँ आयी सभी यहाँ समाहित हो गयी लेकिन भारत, भारत बना रहा, लेकिन यह कब-तक जब-तक भारत की सीमा सिन्धु उस पार अफगानिस्तान से तिब्बत और बर्मा तक थी। जहा सुख समृद्धि और शांति थी यहाँ की नदियों ने यहाँ की भूमि को उर्बर बना यहाँ के राजाओ द्वारा इस धरती को धन- धान्य से परिपूर्ण बनाया गया जिसके कारन यहाँ बिचार को लेकर कभी युद्ध नही हुए यहाँ बिचारो को लेकर शास्त्रार्थ, संबाद हुए बड़े -बड़े ग्रंथो की मानव कल्याण हेतु रचना हुई सभी वेदाध्ययन स्वाध्याय करते, इसी चिंतन क़ा परिणाम हमने प्रत्येक बृक्ष में, नदियों में, और पत्थरो में देवता अर्थात भगवान के दर्शन किये ऐसे समृद्धि शाली हमारी संस्कृति थी इन्हीं कारणों से सम्पूर्ण विश्व भारत को विश्व गुरु कहा जाता । क्या हो गया है भारत को --? क्या हो गया है हमें ? जिस मूल्य को लेकर राष्ट्र की महानता थी, मानव संस्कृति शीर्ष पर थी आज उसी संस्कृति को देश बिरोधी कहा जाने लगा ? ये सब अचानक नही हुआ कोई १२वीं शताब्दी में मुहम्मद गोरी क़ा हमला भारत पर हुआ, पृथ्बीराज चौहान द्वारा सोलह बार पराजित होने के बावजूद गोरी का हमला बंद नही हुआ, महमूद गजनवी द्वारा सोमनाथ को तोडना, नादिर साह क़ा कुत्सित अत्याचार भी हिन्दू समाज को इस्लाम नही समझा सका, राजा महराजा बिभक्त होने के कारण हम कमजोर होने लगे अपनी कमजोरी को ही हम उदारता मानने लगे, ब्रिटिस काल में केवल महर्षि दयानंद सरस्वती एक ऐसे महापुरुष हुए जिन्होंने इस्लाम के बारे में हिन्दुओ को सावधान किया ।
देश आज़ादी के पश्चात् एक ऐसी संस्कृति ने जन्म लिया जिसे हम सेकुलर के नाम से जानते है लेकिन भारतीय समाज आज भी सेकुलर क़ा अर्थ नही समझती, सेकुलर के नाम पर हिन्दु समाज के बिरोध के अतिरिक्त कुछ भी नही, जहा -जहा हिन्दू नही रहा वह-वह भाग भारत नही रहा, भारत का ही भाग कोई अफगानिस्तान, कोई पाकिस्तान, कोई बंगला देश इत्यादि हो गया भारत में ही कश्मीर की समस्या केवल इस्लामिक समस्या है कश्मीर घाटी से हिन्दू भगा दिया गया सेना के सहारे आज कश्मीर बचा हुआ है। कैथोलिक सोनिया, मनमोहन यह तय कर चुके है कि वह भारत क़ा भाग नही रहेगा उसके लिए सरकारी योजना से कश्मीरी अलगाव बादी नेताओ और अरुंधती राय देश में घूम-घूम कर बाताबरण बनाने क़ा प्रयत्न कर रही है, महाराणा प्रताप और क्षत्रपति शिवाजी को देश द्रोही और अकबर, औरंगजेब को देश क़ा हीरो बनाने क़ा प्रयत्न हो रहा है। सेकुलर के नाम पर रानी लक्ष्मीबाई, हल्दी घाटी, शिवा बावनी, भगत सिंह इत्यादि शिक्षा के पाठ्यक्रम से निकाल दिया गया गुरु गोविन्द सिंह, दयानंद सरस्वती आतंकबादी थे ये बर्तमान पाठ्यक्रम में पढाया जा रहा है। कुछ बुद्धिजीवी नेता भाषण करते है कि यहाँ गंगा, यमुनी संस्कृति है शायद उन्हें पता नहीं कि जहा यमुना जी- गंगा जीमें प्रयाग संगम पर मिलती है वही उनका अस्तित्व समाप्त हो जाता है। प्रयाग से आगे केवल गंगा जी ही रहती है इस नाते भारत क़ा अर्थ केवल हिन्दू संस्कृति ही है और कुछ भी नही।
योजना बद्ध तरीके से सेकुलर के नाम पर देश भक्तो को आतंकबादी बताने क़ा प्रयास हो रहा है देश को आज़ादी केवल चरखा काटने, नेहरु परिवार के त्याग से मिली ये बताने क़ा प्रयत्न --! लाखो लोगो ने फासी के फंदे को चूमा, भगत सिंह, चन्द्रशेखर और सुभाष बाबू जैसो क़ा नाम गायब करने क़ा षड़यंत्र, हमलावर मुस्लिम आक्रंताओ ने भारतीय भूमि पर केवल हमला ही नही किया अपितु लुट, हिंसा, हत्या भी की, उन्होंने हमारे आराध्य भगवान राम, कृष्ण और भगवान शंकर के मंदिरों को ढहाकर हिन्दू समाज क़ा अपमान ही किया है, इस्लाम कोई प्रेम- मोहब्बत बाटने वाला धर्म न होकर ये एक हाथ में कुरान दुसरे हाथ में तलवार से हिंसा हत्या के द्वारा जबरदस्ती लोगो को मुसलमान बनाने का अक्षम्य अपराध किया, भारत आजाद हुआ राम मंदिर आन्दोलन शुरू हुआ अयोध्या कारसेवा से लौटते हुए हुन्दुओ को गोधरा में जलाकर मार दिया गया गुजरात के हिन्दुओ ने प्रतिक्रिया की उसमे कुछ मुसलमान मारे गए लेकिन हजारो मंदिरों को कश्मीर, बिहार, पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान में मुसलमानों ने तोडा, लेकिन केवल हिन्दू ही दोसी- यही सेकुलर नीति है। सेकुलर ताकते आज-तक नरेन्द्र मोदी को अपराधी कहती रही है और वे लगातार चुनाव पर चुनाव जीत रहे है जब की सभी अदालतों ने उन्हें बरी कर दिया है। एक बहुत अच्छा उदहारण दे रहा हू गुजरात दंगे में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी वह दंगे कराने का एक्सपर्ट व एक बड़ा अपराधी भी था उसके ऊपर कई मुक़दमे भी थे। हिन्दू समाज उनसे अत्यंत पीड़ित था इतने वर्ष बाद भी सेकुलर आतंकी तिश्ता जावेद मानवाधिकार के नाम पर पूरे गुजरात को बदनाम करने का प्रयत्न करना। हिदुओ को जैसे इस देश के नागरिक ही न हो इस प्रकार का ब्यवहार केंद्र सरकार द्वारा करना क्या दर्शाता है ?
हिन्दुबादी देशभक्त संगठनों को सिम्मी के समकक्ष बताकर देश भक्तो क़ा अपमान करने क़ा दुस्साहस, सेकुलर के नाम पर अफजल, कसाव जैसे आतंक बादियो क़ा बचाव। भारत की धार्मिक राजधानी पर आतंकबादी हमला के बावजूद सेकुलर गृहमंत्री ने कहा कि ये बिगड़े नवजवानों क़ा काम है कहकर सेकुलर आतंकियों क़ा बचाव ही किया, देश सेकुलर आतंकबाद से त्रस्त है। क्या ये सेकुलरिष्ट यह बताने क़ा कष्ट करेगे कि यदि किसी हिन्दू ने मक्का पर बम मारा होता तो क्या वे चुप रहते ----? इसका जबाब हिन्दू समाज को चाहिए सेकुलर आतंक की पुरोधा सोनिया, मनमोहन व चिदंबरम, बामपंथी खेमा और तथा -कथित समाजबादी खेमा ही रहा है प्रत्येक देशभक्त नागरिको क़ा कर्तब्य है वह सेकुलर आतंकियों क़ा मुकाबला करने को तैयार हो जाय ।
हिन्दुबादी देशभक्त संगठनों को सिम्मी के समकक्ष बताकर देश भक्तो क़ा अपमान करने क़ा दुस्साहस, सेकुलर के नाम पर अफजल, कसाव जैसे आतंक बादियो क़ा बचाव। भारत की धार्मिक राजधानी पर आतंकबादी हमला के बावजूद सेकुलर गृहमंत्री ने कहा कि ये बिगड़े नवजवानों क़ा काम है कहकर सेकुलर आतंकियों क़ा बचाव ही किया, देश सेकुलर आतंकबाद से त्रस्त है। क्या ये सेकुलरिष्ट यह बताने क़ा कष्ट करेगे कि यदि किसी हिन्दू ने मक्का पर बम मारा होता तो क्या वे चुप रहते ----? इसका जबाब हिन्दू समाज को चाहिए सेकुलर आतंक की पुरोधा सोनिया, मनमोहन व चिदंबरम, बामपंथी खेमा और तथा -कथित समाजबादी खेमा ही रहा है प्रत्येक देशभक्त नागरिको क़ा कर्तब्य है वह सेकुलर आतंकियों क़ा मुकाबला करने को तैयार हो जाय ।
6 टिप्पणियाँ
हिन्दुओं को विचार करना चाहिये...
जवाब देंहटाएंसेकुलर आतंकवादी ! अच्छा शब्द गढा है आपने. उपयोगिता अनुसार हमे कई शब्द गढने चाहिए. जैसे बंगलादेश, नेपाल, भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि को संयुक्त रुप से कहना होता है तो हम कहते है दक्षिण एसिया या आर्यावर्त या जम्बुद्वीप ।
जवाब देंहटाएंdhanyabad benami ji
जवाब देंहटाएंनाजायज कांग्रेस खुद ही देशद्रोहियों की पार्टी है ...और ये भांड जिन्हें मानवाधिकारवादी कहा जाता है इनके भी बिस्तर पैसे से ही गरम रहते हैं ...अत : इनसे अपेक्षा करना हमारी भूल होगी ...हमें स्वयं ही संघठित होना होगा .....
जवाब देंहटाएंआजकल दिग्गी जैसे नेता भी सेक्युलर आतंवादी की श्रेणी में आयेंगे। ये अपने वाहियात बयानों से वोट खरीदना चाहते हैं।
जवाब देंहटाएंयह एक बहुत शानदार पोस्ट है...आपके विचारों से राष्ट्रवादी स्वर व देश-भक्तों के प्रति गहरा आदर-भाव परिलक्षित हो रहा है...यह बात आपकी इस पोस्ट को और भी आदरणीय बनाती है...बधाई!
जवाब देंहटाएंआपके अंदर जो वैचारिकता है...उसका लाभ ब्लॉगीय पाठकों को मिल रहा है...इस क्रम को बनाए रखें...तथास्तु!
मैं फिर आऊँगा...आपसे मिलने इसी ब्लॉग पर!