आज के बीस साल पहले कोई भी इस्लाम मतावलंबी अरबी वेश में दिखायी नहीं देता था, न ही सेकुलरिस्ट नेता हिंदुत्व के बिरोध में इतना मुखर होता था। पहले तो मुस्लिम नेता हिंदुत्व का बिरोध करते थे लेकिन राम जन्म भूमि आन्दोलन में जो नेता मुखर थे वे कालातीत हो गये। मुस्लिम गावो में भारतीय पहनावा पहनता था लेकिन आज उसे अरबियन राष्ट्रबाद का भूत सवार है और सेकुलर नेता उनके समर्थन में खड़े है। जिसका दुष्परिणाम भारत को जल्दी ही भुगतना पड़ेगा! पहले बुर्का, अरबी टोपी, उटंग पैजामा, असभ्य प्रकार की दाढ़ी परिवारों मे जस्ते के बर्तन, बधना बहुत कम दिखाई देता था। मस्जिदों पर तकरीर सैयमित होते थे, चिल्ला व जमात भी कम ही निकलता था मखतब- मदरसे यानी तालिबानी स्कूल भी कम थे ।
बदलता परिदृश्य
बीस साल बाद जब हम देखते है तो भारत का परिदृश्य बदला -बदला सा दिखाई देता है। इस्लामी कट्टरता प्रबल होती दिखाई देती है आज गाव -गाव में मखतब, मदरसों की भरमार हो गयी है कोई भी मुसलमान भारतीय वेश नहीं पहनता वह अब अरबियन वेश में ही गर्व महसूस करता है। उसे भारतीय पहिचानो से जैसे चिढ हो गयी हो उनके मदरसों में सिखाया जाता है कि तुलसी, पीपल तथा अन्य बनस्पतियो को नष्ट करना यह तुम्हारा धर्म है, जिन्हें हिन्दू पूजते है। एक संत मुझसे मिले उन्होंने बताया कि एक मुस्लिम मदरसे के बच्चे ने बताया की ऐसा करने के लिए उसके मौलबी साहब मदरसे में तालीम देते है। आज सड़क चौराहे पर सरे आम भारत बिरोध, हिन्दू बिरोध करने में कोई हिचक नहीं है क्योंकि उनके साथ सेकुलर नेता खड़े दिखाई देते है। बीस साल पहले मदरसों की संख्या भी कम थी उन कम मदरसों के बच्चो ने अब दुर्गा जी, सरस्वती जी की मूर्तियाँ तथा महावीरी झंडो को तोड़ने में कोई हिचक नहीं करते क्योंकि उनके कुरान व हदीश में ये सब कुफ्र है इन सारे घटनाक्रम को पूरे मुस्लिम समुदाय का समर्थन उन्हें प्राप्त ही नहीं बल्कि वह समाज उन्हें पुरस्कृत भी करता है।मदरसों के परिणाम
१- कश्मीर घाटी से हिन्दुओ को भगा दिया गया उन्हें अपनी धन संपत्ति छोड़कर आना पड़ा अपनी बहन- बेटियों को गवाया।२- जिस बंगलादेश को हमने आजाद कराया आज वह भारत का सबसे बड़ा शत्रु बनकर खड़ा है हिन्दुओ की बहन -बेटी और संपत्ति सुरक्षित नहीं है।
३-अफगानिस्तान कटा भारत कई बार बटा।
४- आज बिहार के किशनगंज, कटिहार,अररिया और पूर्णिया तथा झारखंड के संथाल परगना क्षेत्रों में हिन्दुओ की जो दुर्दसा है वहा भारतीय संस्कृति ही खतरे में पण गयी है आप यदि वहा जाते है तो आप भारत में है यह समझ में नहीं आता।
५- एक लाख मदरसों का परिणाम क्या होगा --? क्या करोडो जेहादियों से हिन्दू समाज लड़ पायेगा --? या समर्पण करेगा उस स्थिती में अपनी बहन बेटियों का बलात्कार होता देखेगा हमें अपने इतिहास से सबक लेना होगा।
६- लव जेहाद के माध्यम से एक लाख हिन्दू लडकियों का प्रतिवर्ष इस्लामीकरण।
सेकुलर क्या कर रहे है--?
१- दाउद इब्राहीम जैसे अपराधी को पाकिस्तान सुरक्षित पहुचने में सहायता।२- अफजल गुरु जैसे आतंकबादी को सुरक्षित रखना।
३- कसाब जैसे हमलावर की सुरक्षा और उस पर धन अपव्यय करना।
४- देश विभाजन की नीव रखने वाले अलीगढ वि.वि. की शाखा देश के बिभिन्न स्थानों पर खोलना।
५- समय-समय पर हिन्दू मान बिन्दुओ पर हमला करना।
इस समय देश में एक लाख से अधिक मदरसे है जिसमे करोणों मुस्लिम छात्र पढ़ते है उन्हें तालिबानी शिक्षा, भारत, हिन्दू विरोधी शिक्षा मिल रही है, वे कुरान के आधार पर शासन -सत्ता चाहते है, वे एक बार नहीं कई बार भारत के टुकड़े कर चुके है, अब वे पूरे भारत का इस्लामी करण करना चाहते है मुहम्मद साहब का जन्म दिन हो या मुहर्रम अब वे शक्ति प्रदर्शन करने लगे है, भाला -काता और तमाम अवैध हथियार लेकर प्रदर्शन, अखाड़ो के नाम पर सड़क जाम करना इस्लामी झंडो को केवल मुसलमानों के घर पर ही नहीं तो दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि जबरदस्ती हिन्दुओ की दुकानों व घरो पर झंडे लगाना हिन्दुओ को डराना आम बात हो गयी है, वे युद्ध लड़ने को तैयार है कौन रोकेगा उन्हें---? क्या हम तैयार है? क्या हिंदुत्व की शिक्षा राष्ट्रवाद को लेकर हमने तैयारी की है--? कि केवल अपनी रोजी -रोटी के चक्कर में ही हम मस्त है यदि ऐसा है तो लाहौर, कराची और ढाका में भी हम थे वहा क्या हुआ--? हमें ध्यान नहीं --? यदि हमने तैयारी नहीं की तो जो दुर्दसा लाहौर और कराची में हुई हम उसके लिए भी तैयार रहे, आज जो ये नेता बोल रहे थे आज़ादी के समय यही बात कांग्रेस के नेता बोलते थे, जमात, चिल्ला, मखतब, मदरसे, मुल्ला, मौलबी, और बिभिन्न इस्लामिक सगठनो की फ़ौज पूरी तैयारी में है, यदि हम हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहे तो हिन्दू समाज और भारत दस वर्ष में बचेगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं एक लाख मदरसों से निकले हुए करोणों तालिबानी मतांध छात्रो व लाखो मौलबियो से कौन लडेगा-? यह मानवता वादी संस्कृति जिसने मानव जीवन में चेतना का संचार किया विश्व को आध्यात्म दिया, पशु -पक्षी, यहाँ तक कंकड़ में भी इश्वर को देखता है ऐसी उदार, महान संस्कृति का क्या होगा-?
ये इस्लामिक हमला है, ये सेकुलर जमात का हमला है, ये वामपंथियो और देशद्रोहियों का हमला है और ये भारतीय संस्कृति पर हमला है!
सावधान भारत.... !
सावधान हिन्दुओ.... !
सावधान राष्ट्र भक्तो... !
2 टिप्पणियाँ
islamikaran avashyambhavi hai.
जवाब देंहटाएंयदि हिन्दू नहीं सचेत हुआ तो मानवता ही खतरे मे पण जाएगी ।
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