३० जून २०१३ को दिघवारा में धर्मजागरण द्वारा आयोजित राजपूत प्रतिनिधि सम्मलेन में घनघोर वर्षा के बावजूद जिस प्रकार उपस्थिति रही उससे लगता है, समाज तो जग ही रहा है -अपने उद्श्य विधर्मी हुए बंधू तथा समाज में ब्याप्त बुराई अपने हृदय को विशाल करते, समरसता सद्भाव को अपनाते हुए अपने बिछड़े बन्धुओ को ससम्मान स्वधर्म में सामिल कर हिंदुत्व और भारतीय राष्ट्र को मजबूत करेगा.
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तमाम विद्वानों ने जागृत क्षत्रिय हिदू समाज के बारे में विचार ब्यक्त किये राजपूत समाज ही भारत को हमेशा परम वैभव की तरफ ले गया है यदि भारत से राजपूत समाज के इतिहास को निकल दिया जाय तो भारतीय इतिहास ही समाप्त हो जायेगा आखिर क्यों ---? हमें इस पर विचार करना होगा भगवन मनु कौन थे सम्पूर्ण मानव जाती तो उन्ही की ही संतान है इसका मतलब समाज का प्रत्येक ब्यक्ति पहले क्षत्रिय था बाद में समाज ब्यस्था हेतु जातियों में बट गया, धरती के प्रथम सम्राट महाराजा पृथु, राजा जनक इन सभी राजाओं ने मनुष्य रहने उठने, बैठने, शिक्षा, ग्राम और नगरों की रचना की आगे भी यही क्षत्रिय समाज सम्पूर्ण हिन्दू समाज से बिछड़े बंधुओं को वापसी की प्रेरणा देगा पुनः समाज मजबूत संस्कारित हो कर फिर भारत अपने--आप स्वस्थ होगा .
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क्षत्रिय समाज सम्पूर्ण हिन्दू समाज से बिछड़े बंधुओं को वापसी की प्रेरणा देगा पुनः समाज मजबूत संस्कारित हो कर फिर भारत अपने--आप स्वस्थ होगा .
जवाब देंहटाएंthanks for this beautiful and informative post.
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