भारत को बचाने फिर कब आओगे श्याम --------?

           

यदा यदाहि धर्मस्य---!

जब-जब धर्म की हानी होती है मै आता हूँ ऐसा गीता मे भगवान श्रीक़ृष्ण ने कहा और ऐसा प्रकट भी हुआ, समय- समय पर या तो वे स्वयं आए अथवा अपने अंश को भेजा जिसके द्वारा धरती का उद्धार हुआ जब हम पृथबी की कल्पना करते हैं तो उसका अर्थ आर्यावर्त, भारतवर्ष अथवा हिंदुस्तान ही होगा क्यों की जब धर्म की बात होगी तो केवल भारत मे ही होगी क्यों की वे यहीं आए चाहे वामन के रूप मे या कच्छप अथवा श्रीराम, श्रीक़ृष्ण के रूप मे और यहीं से धरती का उद्धार किया इसका अर्थ भी हमे समझना पड़ेगा मानव, मानवता क्या है ? उसकी भी ब्याख्या होनी चाहिए, जो भगवान मनु की संतान अपने-आप को मानते हैं वास्तव मे मनुष्य वही हैं, इस धरती पर कुछ लोग मोमिन अथवा खृष्ट हैं वे मनुष्य नहीं उनके ग्रन्थों मे मानवता का वर्णन भी नहीं है एक मे कुरान, मोमिन व उनके पैगंबर का वर्णन है दूसरे मे भी इशू, चर्च व बाइबिल का ही वर्णन है  इनकी मानवता जो इंनका अनुयाई है जिसका विसवास इनकी पूजा पद्धति मे वही मानव है जो अपने संप्रदाय तक ही सीमित है।

भारत में यह क्या----?

भारत का अर्थ क्या है यह हमें समझने की आवश्यकता है भारत की अपनी संस्कृति है वह गावों में बसती है जिसे हमारे महापुरुषों ने हजारों -लाखों वर्षों की तपस्या पश्चात् यह मानव-मानव, पशु-पक्षी, पेड़-पौधों बनास्पतियों सभी में जीव है सभी मानव उपयोगी है जिसका चिंतन हमारे पुर्बजों ने की, किसी में कोई भेद न करने वाली संस्कृति इसी को हम हिन्दू संस्कृति भी कहते हैं वर्तमान परिदृश्य कैसा है--? क्या भारत भारत बच सकेगा ? सेकुलर नेता हिन्दू बिरोधी निति अपनाकर राष्ट्रद्रोह पर उतारू हैं वे सेकुलर के नाम पर हिन्दू बहन बेटियों का सौदा करने में कोई संकोच नहीं करते वे हिन्दुओ की आराध्य गौ माता को बध शालाओं में विदेशी मुद्रा की लालच में ले जा रहे है खुले आम मुस्लिम मुहल्लों में गाय काटी जा रही है, लव जेहाद को माध्यम बना देश में लाखों हिन्दू लड़कियों को जेहादी बनाया जा रहा है वर्तमान भारत के कई प्रान्तों में हिन्दू अल्पमत  में आ गया है उन स्थानों पर हिन्दू बहन-बेटियों का जीना दूभर हो गया है कश्मीर जैसे हालत असम में भी पैदा करने का प्रयास हो रहा है।

बारम्बार आना होगा--!

मंदिरों का धन हज यात्रियों, चर्चों व अन्य कार्यों में लगाने की आदत सी हो गयी है भारत सरकार की निगाहे हिन्दू मंदिरों में रखे सोना पर लगी है ये देश द्रोही नेता क्या करना चाहते हैं ---? हे भगवान अब तुम ही भारत को बचा सकते हो गीता में आपने कहा था की ''यदा -यदाहि धर्मस्य-----'' जब जब भारत में धर्म की हानी होगी मै आउगा, आप आये भी शंकर के रूप में सुदूर दक्षिण केरल के कालड़ीग्राम में, आप आये रामानंद स्वामी के रूप में, आप आये महाराणा, शिवाजी के रूप में, आप आये दयानंद, विवेकानंद के रूप में, आप को आना होगा फिर किसी के रूप में नहीं तो मानवता को कौन बचाएगा --? कौन बचाएगा इस पवित्र हिन्दू धर्म को--? कौन बचाएगा भारतमाता की अस्मिताता को--? अयोध्या, मथुरा, काशी, कांची, अवंतिका को कौन बचाएगा ---? गंगा, कावेरी के पवित्र जल को कौन बचाएगा ? इसलिए अब आपको आना ही होगा नहीं तो आपकी पूजा, श्रधा कैसे होगी---? हे श्रीकृष्ण जिस पवित्र यमुना जी तट पर खेलते थे जिसको पवित्र करने हेतु ''कालियानाग'' को भगाया उसकी दुर्दसा आपसे कैसे देखी जाती है, भगवान ''श्रीरामचंद्र जी'' जिस पवित्र सरयू के किनारे खेले वह तुम्हे बुला रही है, गंगाजी अपना आक्रोस केदारनाथ में प्रकट कर चुकी हैं आपको यह सब कैसे देखा जाता है क्या इन सब की करुण पुकार आपको सुनाई नहीं देती---!
       इसलिए हे भगवान कृष्णा इस देश को बचाने फिर कब आओगे----? 

यदा-यदाहिधर्मस्य ग्लानिर्भवत भारत, अभ्युत्थानंधर्मस्य तदात्मानं  श्रीजाम्यहम

भगवान कहते हैं जब-जब धर्म की हानी होती है मै आता हूँ बिधिर्मियों का संहार करने और वे आये भारत में धर्म स्थापना हेतु बिधर्मियों का संहार किया, महाभारत का युद्ध हो चुका था पांडवों ने अपनी राजधानी इन्द्रप्रस्थ से हस्तिनापुर लाये, सभी राजा- महराजा भगवान श्रीकृष्ण के साथ बैठे थे अहंकार सिर पर बैठा था सभी अपनी प्रसंशा में ब्यस्त थे महाबली भीम का अहंकार बोला की मैंने कौरव के सभी सौ भाईयों को मैंने मारा इसलिए यह युद्ध मैंने जीता, सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन बोले की सभी सेनापतियों -महारथियों को मैंने मारा इस नाते मैंने युद्ध जीता दोनों भाइयों में कहासुनी होने लगी भगवान ने देखा ये तो बात बढ़ती जा रही है अहंकार का टकराव जारी था तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा की एक ब्यक्ति है जिसने पूरा युद्ध देखा है वही बता सकता है की कौन युद्ध में सर्बाधिक योधाओं को मारा और किसने जीता महाभारत --?

और बर्बरीक

महाभारत शुरू होने वाला ही था की भीम का पौत्र बर्बरीक आया कहा मै अकेले ही कौरव और पांडवों दोनों सेनाओ को समाप्त कर सकता हूँ श्रीकृष्ण ने देखते ही सब ध्यान में आ गया चक्रसुदर्शन से उसका सिर काटकर एक पहाड़ी पर रख दिया था भगवन ने अर्जुन से कहा वही एक है जो सब कुछ देख रहा था उसे लेकर आओ बर्बरीक लाया गया भगवन श्रीकृष्ण ने उससे पूछा, इस महायुद्ध में महाबली भीम ने युद्ध जीता अथवा गांडीव धारी अर्जुन तुमने क्या देखा किसने सबका संहार किया उसने सत्य वाचन किया कहा भगवन मैंने न तो अर्जुन के गांडीव से निकलते हुए वाड़ों को देखा न ही भीम के गदा को, वहां तो एक चक्र सुदर्शन ही दिखाई दे रहा था जिसने सभी का संहार किया, सभी का अहंकार अपने-आप चखना चूर हो गया यही बर्बरीक ही खाटू श्याम के नाम से जाने जाते हैं इन्हें भगवान श्रीकृष्ण का ही अंश माना जाता है.

भगवान इसी प्रकार स्वयं सब कुछ करते हुए पूरा श्रेय अपने भक्तों को देते हैं ऐसे हैं हमारे ईष्ट --------!  
    

         सूबेदार जी  

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3 टिप्पणियाँ

  1. मुरदों का नहीं जिंदा दिलों का साथ ईश्वर देता है।

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  2. बहुत ही सुंदर आलेख, आपकी वेदना भगवान भी सुन रहे है वे जल्द ही आएंगे,, वे सभी विधर्मियों को दण्ड भी देंगे। माध्यम हम ही लोगों को बनाएंगे 🛕🙏🚩हरे कृष्णा हरे कृष्णा
    कृष्णा कृष्णा हरे हरे
    हरे राम हरे राम
    राम राम हरे हरे🌺🌹

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  3. हे कृष्ण
    कब लेंगे अवतार आप ?
    🙏🙏

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