भारत माता की जय--------------।
वेद धर्म सबसे बड़ा, अनुपम सच्चा ज्ञान।
वेद धर्म छोडू नहीं, कोसिस करो हज़ार।
तिल-तिल काटो चाहि, गोदो अंग क़टार!!
संत रविदास (रैदास रामायण)
हम चाकर रघुबीर के पटो लिखो दरबार,
अब तुलसी का होइहै, नर के मनसबदार !
गोस्वामी तुलसीदास
संतन को सीकरी सो काम।
आवत-जात पनहिया टूटत, विसर जात हरि नाम,
संतन को सीकरी सो काम।
जाको मुख देखत अघिलागत, ताको करन पड़ी परनाम।।
संत कुम्हन दास
घर-बार दे दफन को, कौड़ी न दे कफन को।
जिसने दिया तन का, वही देगा कफन का।।
स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती

0 टिप्पणियाँ