आज हम भौतिक प्रगति करके सड़क निर्माण व भौतिक संशाधन जुटाकर परुमाणु संपन्न देश बनाकर हम यदि यह समझते है कि हम बड़े प्रगति कर रहे है तो यह हमारी बड़ी भूल होगी। एक तरफ़ हम पाच हमारे पचीस दूसरी तरफ़ हम दो हमारे एक. एक दिन हिंदू अल्पमत में हो जाएगा फ़िर भारत, भारत नही रहेगा जहा हिंदू कम हुवा वह भाग भारत में नही रह गया इस सत्य को नही स्वीकार करना आत्महत्या करने के सामान है. भारत क्या है उसे समझाना पड़ेगा -? दुनिया में भारत गो, गंगा, गायत्री के नाते जाता है. यह तभी तक रहने वाला जब तक हिंदू बहुमत में रहने वाला है.
मखतब- मदरसे में पढाते समय मौलाना कहता है तुमको धिक्कार है की तुम्हारे ऊपर इस्लाम का इतना खर्च हो गया है, तुमने एक भी काफ़िर को इस्लाम में नही ला सकते। इसको लेकर मदरसे का प्रत्येक छात्र इस्लाम का आदेस मान हिंदू लड़की को फसाकर शादी करता चाहता है। आज मुसलमानों ने अपनी योजना में परिवर्तन किया है। डी कंपनी ने फ़िल्म में निर्माताओ पर पैसा लगाकर जिसको चाहा उसको हीरो बनाया उसी मेसे सभी खान बंधू है सभी ने हिंदू लड़की से बिबाह करके इस्लाम की सेवा की है। चाहे वह शाहरुख़ खान हो चाहे सहनवाज खान हो। इस नाते हमें भारत को भारत बनाये रखने के लिए हमें सोचना होगा।
अयोध्या, मथुरा, माया, काशी, कांची, अवंतिका ----- गंगा, सिन्धुश्च, काबेरी, यमुना च सरस्वती------- हमारे महापुरुषों, पहाड़ो के प्रति श्रद्धा भक्ती यहाँ की भावनाओ के साथ प्रेम गौ, गंगा, गायत्री के प्रति भक्ति यही भारतीय राष्ट्रीयता है यही देश भक्ती है इसे हमें ध्यान रखना होगा केवल भाषण नहीं, कर्म से साबित करना होगा देश-भक्ती --- हिन्दू जिस गाय को महतारी कहता है, कुछ लोग उसे तरकारी बनाते है, ऐसा कैसा चलेगा इस देश में-? हमें बिचार करना होगा -----!
यदि हिंदू नही रहा तो भारत कहा रहेगा। आज पाकिस्तान, बंगलादेस, अफगानिस्तान जो कभी भारत था आज नही है क्यो -? यह हमें बिचार करना होगा, हम बिकाश बिरोधी नही है। लेकिन उस प्रगति से क्या लाभ की सड़क व बिल्डिंग हम बनाये उसमे कोई और रहे-? लाहौर, ढाका भी हमारा था आज नही है, क्यो हमारे पास नही है यह हमारे लिए बिचार का बिषय है.-? यदि समय रहते हमने नही चेता तो हमारे पुर्बजो का धर्म, धरती कौन बचाएगा -? क्या भारत इतिहास के पृष्ठों में रह जाएगा---? यूनान, मिश्र, रोमा सब मिट गए जहाँ से कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, वह कौन सी बात है-----? आइये हम-सब मिलकर विचार करे।
हमें जनसँख्या आक्रमण को समझना होगा प्रत्येक मुसलमान इस्लाम की सेवा अपने-अपने हिसाब से कर रहा है कोई बच्चे पैदाकर, कोई लव जिहाद कर, तो कोई जकात को माध्यम बना, कोई निरीह गरीब हिन्दुओं को धर्मपरिवर्तन कर, कोई मखतब-मदरसे बनवाकर ---- क्या हम इस पर विचार कर सकते हैं वेदों में वर्णन है की प्रत्येक हिन्दू को कम से कम दस बच्चे पैदा करना चाहिए नहीं तो भगवन कृष्णा अपने पिता के आठवीं संतान थे, अम्बेडकर चौदहवी, विवेकानंद १८वीं संतान थे क्या हम नहीं चाहते की इस युग में श्रीकृष्ण, विवेकानंद और आंबेडकर आयें--!
मखतब- मदरसे में पढाते समय मौलाना कहता है तुमको धिक्कार है की तुम्हारे ऊपर इस्लाम का इतना खर्च हो गया है, तुमने एक भी काफ़िर को इस्लाम में नही ला सकते। इसको लेकर मदरसे का प्रत्येक छात्र इस्लाम का आदेस मान हिंदू लड़की को फसाकर शादी करता चाहता है। आज मुसलमानों ने अपनी योजना में परिवर्तन किया है। डी कंपनी ने फ़िल्म में निर्माताओ पर पैसा लगाकर जिसको चाहा उसको हीरो बनाया उसी मेसे सभी खान बंधू है सभी ने हिंदू लड़की से बिबाह करके इस्लाम की सेवा की है। चाहे वह शाहरुख़ खान हो चाहे सहनवाज खान हो। इस नाते हमें भारत को भारत बनाये रखने के लिए हमें सोचना होगा।
अयोध्या, मथुरा, माया, काशी, कांची, अवंतिका ----- गंगा, सिन्धुश्च, काबेरी, यमुना च सरस्वती------- हमारे महापुरुषों, पहाड़ो के प्रति श्रद्धा भक्ती यहाँ की भावनाओ के साथ प्रेम गौ, गंगा, गायत्री के प्रति भक्ति यही भारतीय राष्ट्रीयता है यही देश भक्ती है इसे हमें ध्यान रखना होगा केवल भाषण नहीं, कर्म से साबित करना होगा देश-भक्ती --- हिन्दू जिस गाय को महतारी कहता है, कुछ लोग उसे तरकारी बनाते है, ऐसा कैसा चलेगा इस देश में-? हमें बिचार करना होगा -----!
यदि हिंदू नही रहा तो भारत कहा रहेगा। आज पाकिस्तान, बंगलादेस, अफगानिस्तान जो कभी भारत था आज नही है क्यो -? यह हमें बिचार करना होगा, हम बिकाश बिरोधी नही है। लेकिन उस प्रगति से क्या लाभ की सड़क व बिल्डिंग हम बनाये उसमे कोई और रहे-? लाहौर, ढाका भी हमारा था आज नही है, क्यो हमारे पास नही है यह हमारे लिए बिचार का बिषय है.-? यदि समय रहते हमने नही चेता तो हमारे पुर्बजो का धर्म, धरती कौन बचाएगा -? क्या भारत इतिहास के पृष्ठों में रह जाएगा---? यूनान, मिश्र, रोमा सब मिट गए जहाँ से कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, वह कौन सी बात है-----? आइये हम-सब मिलकर विचार करे।
हमें जनसँख्या आक्रमण को समझना होगा प्रत्येक मुसलमान इस्लाम की सेवा अपने-अपने हिसाब से कर रहा है कोई बच्चे पैदाकर, कोई लव जिहाद कर, तो कोई जकात को माध्यम बना, कोई निरीह गरीब हिन्दुओं को धर्मपरिवर्तन कर, कोई मखतब-मदरसे बनवाकर ---- क्या हम इस पर विचार कर सकते हैं वेदों में वर्णन है की प्रत्येक हिन्दू को कम से कम दस बच्चे पैदा करना चाहिए नहीं तो भगवन कृष्णा अपने पिता के आठवीं संतान थे, अम्बेडकर चौदहवी, विवेकानंद १८वीं संतान थे क्या हम नहीं चाहते की इस युग में श्रीकृष्ण, विवेकानंद और आंबेडकर आयें--!
1 टिप्पणियाँ
बिल्कुल सही कहा आपने , सहमत हूँ आपसे ।
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