बामपंथी बिना सत्ता के नही रह सकते.

         दुनिया का इतिहास बताता है कि बामपंथी बिना सत्ता के नही रह सकता। वह चाहे बैलेट के माध्यम हो या बुलेट। कुछ बुद्धि जीवी कहते है की नक्सल समस्या गरीबी के कारन है, लेकिन ऐसा नही है इसका कारन शुद्ध पोलिटिकल है, सत्ता प्राप्त करने हेतु पहले हिंसा का सहारा लेते है, गरीबो को केवल हथियार के रूप में उपयोग करते है जहा ये सत्ता में आये वहा गरीबी दूर हो गई क्या ? चीन, रुश. प.बंगाल इसका उदहारण है । हिंसा के माध्यम से देश के आधारभूत ढाचा को समाप्त करना, बिदेशी सहायता लेने में कोई संकोच नही, यहाँ तक की देश बिरोधी  I.S.I. अन्य बिदेशी सूत्रों से मिलने का भी समाचार रहता है, समता के नाम पर गरीबो को ढाल के रूप में प्रयोग कर आतंक फैलाकर पैररल सरकार चलाना, गाव से लेकर प्रदेशो तक में यह प्रक्रिया। हर तरह के कर्मचारी नियुक्त करना, इनके माध्यम से दो हज़ार करोड़ धन लेबी उठाना । युद्ध बिराम के नाम पर शक्ति सचय करना।
         एक सामान्य मनुष्य को बिना चुनाव के उसे गाव का मुखिया बना देना, किसी के हाथ में बन्दुक देकर किसी क्षेत्र का कमांडर बना देना ऐसे ही बिभिन्न जगहों पर लोगो को खड़ा करना और ग़लत कार्य उनसे करवाना, अपराधी बनाना। यही इनके कार्यकर्ता बनाने का तरीका है। राजनीती में फेल होने पर लोकतंत्र की बारता करना और जनता की सत्ता के नाम पर केवल एक तंत्र तानाशाही कुल मिलकर एन -केन- प्रकारेड  सत्ता के बिना हम नही रह सकते, ऐसा आचरण। ग़लत सपना दिखाना देश के बिरोध में आम जनता को खड़ा करने का कार्य। केवल सत्ता चाहिए वह चाहे लोकतंत्र मध्यम हो या हिंसा उनके लिए सब उचित है। 
                यही है बामपंथ.

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