मै पंद्रह अगस्त को एक कार्यक्रम में शहर से बाहर जा रहा था जगह- जगह तिरंगा अपना राष्ट्र ध्वज बिक रहा था लेकिन मैंने देखा की बहुत बड़ी भीड़ एक दुसरे दुकान पर थी लोग बड़ी संख्या में जुटे थे वे सब भगवा वेश यानी बोल बम्म की तयारी में थे अगले दिन सोमवार था नगर में बाबा गरीब नाथ की बड़ी मान्यता है लाखो श्रद्धालु जल चढाते है, उत्सुकता बस मैंने एक बुजुर्ग से पूछ लिया की बाबा आज १५ अगस्त है स्वतंत्रता दिवस इस उत्सव में तिरंगा नहीं फहरायेगे बाबा थोड़ी देर ठिठके फिर कहा फहरायेगे बचवा, अरे ई भगवा बचा रही तब तो न तिरंगा फहरी देखो न कश्मीर मा कहा तिरंगा फराहता है, हम निरुत्तर हो गए .
इतनी सी बात हमारे नेताओ को समझ में नहीं आ रही हिन्दू बिहीन कश्मीर की कल्पना करना बड़ा ही मुस्किल है .
4 टिप्पणियाँ
भारत तभी तक सुरक्षित है जब तक भगवा सुरक्षित है बहुत पते की बात कही भाई साहब।
जवाब देंहटाएंभगवे के रूप में हमारे संस्कार ही है।
जवाब देंहटाएंभागवा ही अहिंसा और शौर्य दोनों का प्रतीक है।
अरे कैसी स्वतंत्रता दीर्घतमा जी। कहां हुआ है भारत अब तक स्वतंत्र। ब्रिटीश (मतलब ब्रिटीश/अमेरीकी) (मतलब ईसाईयत) के दलाल कांग्रेस से संघ तक और वामपंथी से माओवादी तक फैले है छदम रुप से। एक बडे आन्दोलन (क्रांति) की आवश्यकता है ............
जवाब देंहटाएंबेनामी जी आप कभी-कभी पुर्बाग्रह से ग्रस्त हो जाते है संघ को बिना घसीटे नहीं रहते, आपकी एक बात से सहमत हू की एक समग्र क्रांति की जरुरत जो केवल भारतीयता क़े लिए हो ,लगता है की आपकी हमारी पुराणी मित्रता है
जवाब देंहटाएंधन्यवाद.