आज कश्मीर की हालत देखकर ऐसा लगता है कि क्या अभी भी भारत गुलाम है हमारी हजारो वर्ष की आज़ादी की लड़ाई ब्यर्थ ही चली जाएगी ? जहा देखो तहा खुले आम हिन्दुओ पर हमला कोई सुनने वाला नहीं उलटे सेकुलर सरकार हिन्दुओ को दबाने क़ा प्रयत्न करती है, आज कश्मीर क़े मुसलमानों की इतनी हिम्मत बढ गयी है की वे सरे आम शिक्खो से कह रहे है कि यदि कश्मीर में रहना है तो इस्लाम धर्म स्वीकार करना होगा भारत सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी कह कर आत्मसंतोष करती है कि हम शिक्खो की सुरक्षा करेगे उन्हें भागने की आवस्यकता नहीं है क्या इतना ही पर्याप्त है ? यह तो जब वहा कश्मीरी पंडितो क़े खिलाफ आतंकबाद शुरू हुआ था तब भी भारत सरकार यही कह रही थी और तब भी यही कांग्रेश की सेकुलर सरकार थी जहा एक तरफ सुरक्षा बलो क़ा हाथ बाध कर उनको बन्दुक दी गयी है वे उसे चला नहीं सकते दूसरी ओर कश्मीरी आतंकियों को मुर्ग -मुसल्लम, बिरयानी खिला कर सुरक्षा बलो क़े मनोबल को गिराया जा रहा है.
वास्तव में ये सेकुलर सरकार हिन्दू बिरोधी तो है ही ये भारत बिरोधी भी है दिन ब दिन भारत की सीमा सिकुड़ती जा रही है और सोनिया गुलाम, मनमोहन केवल आश्वासन दे रहे है आधा कश्मीर तो आज भी पाकिस्तान क़े कब्जे में है उसे हम कब लेगे ? यदि कश्मीर में ये सिख भी नहीं रहे तो क्या कश्मीर भारत में माना जायेगा ? हमारे संबिधान में अल्पसंख्यको की सुरक्षा की बात कही जाती है तो क्या कश्मीर में हिन्दू- सिख अल्पसंख्यक नहीं है ? वास्तव में भारत सरकार देशद्रोह पर उतर आयी है ये न तो ३७० ख़त्म करेगे न तो हिन्दुओ की सुरक्षा न देश की रक्षा इनसे कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए ये सभी चर्च क़े इशारे और बामपंथी सोच पर हो रहा है वास्तव में भारत पर भारत क़ा नहीं बेटिकन सिटी, पोप क़ा शासन है .
मुग़ल शासक शाहजहा क़े काल में भी ये हुक्म कश्मीर में जारी हुआ था की सभी हिन्दुओ को मुसलमान बनाना है सभी कश्मीरी पंडितो, हिन्दुओ ने गुरु तेगबहादुर से गुहार लगायी थी तब गुरु जी ने कहा था कि जाओ तुम- सब बादसाह से कहो कि यदि गुरु तेगबहादु मुसलमान बन जायेगे तो हम सभी मुसलमान हो जायेगे, और हम सभी जानते है कि गुरु तेगबहादुर क़ा बलिदान किस प्रकार हुआ.
कश्मीर में सात सौ से अधिक मंदिर तोड़े गए, ६० हज़ार हिन्दुओ को मौत क़े घाट उतरा गया, पाच लाख से अधिक हिन्दुओ को निकाला गया, लद्दाख में बौद्धों पर अत्याचार और छित्तिपुरा में सीखो क़ा नरसंहार ये कश्मीर में इस्लामिक आतंकबाद क़ा नजरिया है आश्चर्य है कि देशभक्त सिख,हिन्दू और बौद्धों कि सुरक्षा सरकार नहीं कर सकी आज दश में सरदार पटेल व डॉ मुखर्जी जैसा नेतृत्व नहीं है, जो लोग यह कहते है कि ये पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित है ये गलत है ये तो वास्तव में इस्लामिक स्वभाव है सरकार को निर्णय करना होगा कि मुसलमनो को खुश करना कि भारत बचाना, यदि उन्हें पाकिस्तान में अधिक सुबिधा मिलती है तो उन्हें स्वतंत्र छोड़ा जाय वे पाकिस्तान जा सकते है, लेकिन देश क़े टुकड़े अब नहीं होने देगे, इसके लिए केवल और केवल सेकुलर निति ही दोसी है यदि जिस प्रकार कश्मीर में हिन्दू,सीखो को मारा जा रहा है उसी प्रकार पूरा भारत में हिन्दू इन मुसलमानों क़े साथ ब्यवहार करे तो सभी समस्यावो क़ा समाधान हो जायेगा देश हित क़े सामने सभी कुछ गौड़ है मुसलमान तो देश भक्त हो ही नही सकता यदि वह देश भक्त बताता है तो वह केवल नाटक क़े अलावा और कुछ नहीं .
हिन्दुओ उठो, जागो आज गुरु तेगबहादुर, गुरु गोविन्द सिंह, बन्दा बैरागी, सरदार पटेल और डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी पैदा करो और लड़ो अपने देश और धर्म को बचाओ नहीं तो ये सेकुलर हमें समाप्त कर देगे.
1 टिप्पणियाँ
ek acchhi post bahut acchhi jankari ke sath desh bhakti ko jagati hui.ye aise manane wale nahi inke sath sathe-sathyam-samachret jaisa hi byihar hona chahiye .
जवाब देंहटाएंbharat ki akhandata ke sath koi samjhauta nahi ho sakta.