भारत माता का बिंदु-बिंदु गंगा जल है. यहाँ के कण- कण में भगवान बिराजमान है, जगह- जगह के तीर्थस्थल तथा पवित्र सरोवर भारतीयों की श्रद्धा को ललकार रहा है, भारत भाव को सुदृढ़ बना रहा है, हर एक तीर्थ स्थल का सम्बन्ध ईश्वर की कथा से जुड़ा होता है. किसी न किसी संत तपस्वी के कर्म से वह तपस्थली पवित्र और तीर्थ बन जाती है जहा बिलक्षण विभूतिया उत्पन्न महापुरुष पैदा होते है वह स्थान, तीर्थ- स्थान समझा जाता है. तीर्थ स्थलों के दर्शन से भक्त जनों के मन में देश व राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा जग जाती है, जैसे भगवन श्रीराम और अयोध्या, भगवन कृष्ण और गोकुल बृन्दावन, काशी और विश्वेश्वर इसी प्रकार सम्पूर्ण भारत वर्ष महापुरुषों और तीर्थो से भरा पड़ा है हिन्दू इसे अपनी भक्ति से देश को सिंचित करता रहता है ये महापुरुषों के नाम और स्थान एक-दुसरे से एकबद्ध हो गए और यी स्थान हमारे लिए पवित्र तीर्थ होकर उभर गए.
4 टिप्पणियाँ
बहुत सशक्त प्रस्तुति.....
जवाब देंहटाएंसचिन को भारत रत्न क्यों?
जवाब देंहटाएंhttp://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/
नदियों और जलाशयों का विशेष महत्व रहा है..
जवाब देंहटाएंsachin ko dhan kamane ke alawa samaj ke liye kya kiya kyo chahiye unhe bharat ratna ?
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