पहले यह तो तय हो जाय कि यह देश किसका है--?

देश के सामने यह मौलिक प्रश्न! देश का मालिक कौन ? 

 यह तय ही नहीं हो पा रहा है यह देश किसका है? जिस दिन यह तय हो जायेगा की यह देश किसका है तो हम अपने देश की सुरक्षा कर लेगे। यह देश धर्म-शाला बना हुआ है चाहे जो हमला कर देता है, चाहे जो जहां चाहे चला जाता है, कोई कभी भी हमारे सैनिको कि हत्या कर देता है, कभी भी हमारे सैनिकों का गला रेत कर लेकर चला जाता है हम कुछ नहीं कर पाते। क्योंकि यह पता ही नहीं है कि यह देश किसका है कौन मालिक है इस देश का-? इसकी अस्मितता, स्वाभिमान की चिंता किसे है-? कौन खड़ा है इसके स्वाभिमान के साथ-? यदि आप यह सोच रहे हों कि सोनिया कुछ करेगी तो आप गलत फहमी मे है उन्हे इस देश से क्या मतलब ? वे न तो भारतीय हैं न ही यहाँ के प्रति उनकी कोई श्रद्धा है। ए.के॰ एंटोनि को भारत से क्या नाता-? मनमोहन तो गुलाम है इस वंश का, इसलिए इनसे कोई उम्मीद करना भारत के साथ धोखा के अतिरिक्त कुछ नहीं! इसलिये कौन है वह और किसे दर्द होता है जब कश्मीर घाटी मे आतंकबादी भारतीय सनिकों पर हमला करते हैं तो कौन दुखी होता है-? केरल, झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्रा व किसी अन्य प्रांत मे जब मार्क्सबादी निरीहों की हत्या करते हैं तो किसका मन विहबल होता है--? जब हजारों करोण की लेबी आतंकबादी (माओबादी) आम जनता से वसूलते हैं। तो किसकी हत्या करते हैं-? बंगलादेशी घुसपैठ करते हैं तो किसे कष्ट होता है-? करोणों घुसपैठिए हमारे रोजगार, हमारी धरती, हमारी अस्मिता लूट रहे हैं किसे चिंता है-? आये दिन हमारे धार्मिक श्रद्धा के स्थानों पर कौन लड़ता है-? सीमा पर पाकिस्तानी व चीनी अतिक्रमण से कौन सड़क पर उतर कर गुस्सा प्रकट करता है-? इन सारे प्रश्नों के उत्तर मे है कि इस देश का मालिक कौन है-?

मातृभूमि से रिश्ता 

कौन सा समाज इस धरती को कर्म भूमि मानता है-? भारत को वत्सलमयी माँ कौन मानता है-? यहाँ के पहाड़ों मे अपने इष्ट आराध्य को कौन खोजता है-? कंकड़-कंकड़ मे शंकर कौन मानता है-? प्रत्येक नदियों को माता मानकर पुजा कौन करता है-? भारत के महापुरुषों के प्रति किसकी श्रद्धा है -? यहाँ कि वनस्पतियों मे देव दर्शन कौन करता है-? यहाँ के मठ-मंदिर, गुरुद्वारों के प्रति किसकी श्रद्धा-भक्ति है-? कौन है वह जो भारत को देव भूमि मानता है-?

कौन होगा जिम्मेदार और कौन है मालिक ?

भारत का मालिक वही हो सकता है जिसे भारत भूमि के प्रति माता का अभिमान है जिसे भारतीय पूर्वजों पर गर्व है जो अयोध्या, मथुरा, माया, काशी, कांची, अवन्तिका दर्शन मे अपना मोक्ष मानते हैं, गंगा सिंधु, कावेरी, यमुना, सरस्वती, नर्मदा ब्रह्मपुत्र, सरयू, नारायणी आदि नदियों को मा मानकर श्रद्धा-भक्ति व पूजा करते हैं। जिसे भारत का प्रत्येक शहर तीर्थ नज़र आता है, आखिर वही तो इस देश का मालिक हो सकता है। तभी सीमा की रक्षा हो सकती है, भारतीय सैनिकों की हत्या का जबाब दिया जा सकता है, घुसपैठ रोका जा सकता है और प्रत्येक भारतीय स्वाभिमान से सम्पूर्ण विश्व से घूम सकते हैं। चीन सीमा मे घुसपैठ का साहस नहीं करेगा, पाकिस्तान व बांग्लादेश को मुहतोड़ जबाब मिलेगा। फिर यह सम्राट चन्द्रगुप्तमौर्य, सम्राट विंदुसार, सेनानी पुष्यमित्र शुंग के समय का भारत होगा जिसकी तरफ विश्व की कोई ताकत मुह उठाकर नहीं देखेगी। इसलिए हमें तय करना होगा कि यह देश किसका है और कौन है इसका मालिक -? ।                  

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