सीमांचल मे कश्मीर जैसी हालत ---!

     


कोशी (सीमांचल) मे हिन्दू नेतृत्व की अवस्यकता -----!

आज सीमांचल की हालत जम्मू- कश्मीर जैसी होती जा रही है जब हम अररिया होकर आगे बढ़ते हैं तो ध्यान मे आता है कि मै भारत मे हूँ अथवा कहीं और-? पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज सभी स्थानो गावों मे भारतीय वेश -भूषा दिखाई ही नहीं देती इतना ही नहीं जब कोई गरीब हिन्दू की मृत्यु होती है तो उसे मुसलमान बलात दफनवा देते हैं वे भारतीय परंपरा के अनुसार अपने मृतकों का अंतिम संस्कार नहीं कर सकते! सभी हिंदुओं को घर मे "बधना" रखना पड़ता है भले ही उसका प्रयोग केवल सौच जाने के लिए करते हों भय के कारण उसे "इस्लामिक संस्कृति" अपना दिखाना, मजबूरी हो जाता है। जहां हिन्दू जनसंख्या कम है वहाँ हिन्दू विधायक होना नामुमकिन है दुर्भाग्य ऐसा है कि वोट की लालच मे सेकुलर पार्टियां मुसलमानों के वोट के खातिर कुछ भी करने को तैयार हैं यदि सेकुलर पार्टियां ऐसा करें तो कोई आश्चर्य की बात नहीं--! लेकिन जब बीजेपी भी ऐसा करती है तो फिर हिन्दू समाज विचार करने को मजबूर हो जाता है अब यहाँ के हिंदु समाज का क्या होगा--? आज आवस्यकता है इन क्षेत्रों मे हिन्दू नेतृत्व को बढ़ावा दिया जाय, जहां हिन्दू जनसंख्या कम भी हो वहाँ भी हिन्दू उम्मीदवार को चुनाव लड़ाना चाहिए नहीं तो यह क्षेत्र कश्मीर की राह पकड़ रहा है आए दिन गो तस्करी, फैक करेंसी धंधा, अवैध हथियार तस्करी, आब्रजन, दुर्गा पुजा व हिन्दू त्योहारो पर हमला यह सब आम बात हो गयी है यदि हिन्दू ताकतवर नहीं रहा तो वह दिन दूर नहीं जब इस क्षेत्र से हिंदुओं का पलायन होना शुरू हो जाएगा।

 विशेष प्रकार की संस्कृति --!

यहाँ एक विशेष समुदाय मे गो तस्करी, फैक करेंसी का धंधा बुरा काम है ऐसा नहीं माना जाता आखिर क्यों-! इस पर विचार होना चाहिए इन क्षेत्रों मे आईबी, रॉ, सीबीआई इत्यादि एजेंसियाँ असहज क्यों रहती हैं आखिर इन्हीं क्षेत्रों मे आए दिन आतंकवादी, देशद्रोही घटनाएँ होती रहती हैं --! यह कहने से बात नहीं बनती कि मुसलमान भी देश भक्त है भारतीय समुदाय को तो इस पर विसवास होना चाहिए अब आप यह कह सकते हैं कि इस समुदाय पर इतना शंका क्यों आए दिन आतंकवादी घटनाएँ हिंदुओं की असुरक्षा कश्मीर जैसा हालत के लिए कौन जिम्मेदार है आखिर कौन सा कारण है कि जम्मू और काश्मीर प्रांत मे केवल घाटी क्षेत्र मे ही क्यों सेना लगाई जाती है लद्दाख और जम्मू मे क्यों नहीं ! आज घाटी से सेना हटा ली जाय तो क्या काश्मीर घाटी भारत का अंग रहेगा इस पर विचार करना जरूरी है! इसी दृष्टि से सीमांचल पर विचार करना जरूरी है। यह भाग कब तक बिना सेना के हमारे पास रहने वाला है इस कारण समय रहते इस विषय पर विचार करना जरूरी है। आज सीमांचल का पूर्णिया, करिहार, किशनगंज और अररिया जिला संवेदनशील बना हुआ है अभी भी हिंदुओं का जीना दूभर हो गया है आए दिन हिंदु लड़कियां उठाना, गो तस्करी, हथियार और फैक करेंसी का धंधा ज़ोरों पर है। मुस्लिम समुदाय मे इसे अच्छा माना जाता है यह "दीनी काम" है इससे "सबाब" मिलता है "अल्लाह" खुश होता है वह बड़ा दयालु है। इन जिलों मे कुल पूर्णिया, कस्बा, वनमनखी, रुपौली, धमदाहा, कोढ़ा, अमौर, बाइसी, नरपत गंज, रानीगंज, अररिया, फरविसगंज, जोकीहाट, सिकटी, किशनगंज, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, कोचधामन, कटिहार, कदवा, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी और बरारी लगभग 25 विधान सभा है । मुस्लिम प्रभावी तो है ही कुछ क्षेत्रों मे तो हिन्दू वोटर अल्पसंख्यक भी है जैसे कटिहार मे 43%, कदवा मे 60%, बलरामपुर मे 60% मुसलमान है किशनगंज मे 35%, बहादुरगंज मे 60% ठाकुरगंज मे 35% कोचधामन मे तो 80% मुसलमान है वहीं अररिया मे 48% पूर्णिया मे 37%  और बाइसी मे 60% मुसलमान है इन क्षेत्रों मे हिंदुओं की सुरक्षा का विषय न भी हो तो देश के सुरक्षा का विषय तो होना ही चाहिए, ध्यान रखना होगा कि यहाँ हिन्दू उम्मीदवार होना ही चाहिए चाहे वह हारे ही क्यों न लेकिन हिन्दू नेतृत्व का विकाश होना जरूरी है नहीं तो इस क्षेत्र को काश्मीर होने से कोई रोक नहीं सकता। यह वह क्षेत्र ऐसा है जहां सीमा पर घास छिलने वाली महिलाएं भी हथियारों की तस्करी करती हैं सीमा पर से बंगलादेसी आतंकी तस्कर हथियार फेकता है, ये घास छिलने वाली महिलाएं घास के बोरे मे हथियार रख लेती है यदि 'बीएसएफ़' के लोग पूछ-ताछ करते हैं तो बंगलादेशी हँगामा करते हैं। इस सीमांचल मे घुसपैठियों की संख्या दिनो-दिन बढ़ती जा रही है जिससे हिन्दू समाज अल्पसंख्यक होता जा रहा है यहाँ इस्लाम के नाम पर सब जायज है। आतंकी हो, घुसपैठिया हो अथवा तस्कर हो सभी की सुरक्षा होती है आसानी से भारतीय नागरिकता प्राप्त कर लेता है यहाँ की संस्कृति बहुत तेजी मे परिवर्तित हो रही है जिससे भारतीय संस्कृति को खतरा उत्पन्न हो सा गया है । 

मुसलमानो की शासक प्रवृति --!

 इस विषय पर विचार करना जरूरी है की जिनकी मानसिकता ऐसी है जिस कौम ने 700 वर्षों तक इस देश पर शासन किया है उसका खून मेरे रगों मे बह रहा है (एक पूर्व सांसद) आज भी वे अपने को बाबर का वंशज मानते हैं । आज भी वे अपने को भारत मे शासक की भूमिका मे देखना चाहते हैं अब यह कैसे हो सकता है, ऐसे इस्लामिक नेता केवल सेकुलर पार्टियों मे हैं ऐसा नहीं बीजेपी मे भी हैं वे आज भी मोदी जी को मुस्लिम हत्यारा कहने गुरेज नहीं करते। इस क्षेत्र मे भारतीय त्योहार मनाना मुसलमानों की कृपा पर निर्भर है यहाँ देशद्रोही को ही नेता माना जाता है जो जिताना बड़ा गुंडा, तस्कर उतना बड़ा नेता क्योंकी मुसलमानों मे इसे अच्छा माना जाता है। इन सारे विषयों पर बीजेपी सहित सभी राजनैतिक पार्टियों, सामाजिक संगठनों को देश हित मे ठीक से विचार कर हिन्दू नेतृत्व उभारने विकसित करने का प्रयास करना चाहिए नहीं तो इन क्षेत्रों मे भारत को खोजना होगा -----!             

 बीजेपी की सेकुलर बनने की वृत्ती--!

 मै एक घटना आपको बताता हूँ एक बार बीजेपी के मुख्य सचेतक संघ कार्यालय पर आए उन्होने एक वारिष्ट प्रचारक से कहा कि 'बोधगया' मे बीजेपी विधायकों का अभ्यास वर्ग लगा हुआ है कोई गीत बता दीजिये कुछ लोगों ने सुझाव दिया की अटल जी ने तो बहुत गीत लिखा है उन्होने कहा कि हमारे यहाँ एक मुसलमान विधायक है इस कारण वहाँ ऐसी कोई गीत नहीं हो सकती। कैसा दुर्भाग्य है कि अटल जी तो बीजेपी के गाड फादर हैं फिर आखिर उनकी गीत क्यों नहीं ! तो जब एक मुस्लिम विधायक पर ये हाल है तो अधिक होने पर इनका क्या होगा ? इस कारण बीजेपी अथवा संघ विचार परिवार को भी विचार करना चाहिए ।  

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1 टिप्पणियाँ

  1. पुर्बांचल अथवा सीमांचल की स्थिति नाजुक है बीजेपी को अपने दायित्वों को समझना चाइए नहीं तो समय उन्हे माफ नहीं करेगा।

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