फिसलता झारखंड और बढ़ता बंगाल के रास्ते पर....!

चर्चं व घुसपैठियों चंगुल में फंसता झारखण्ड 


झारखण्ड की हालत बद से बदतर होती जा रही है यदि किसी देश को समाप्त करना हो तो सर्व प्रथम उस देश की संस्कृति को समाप्त करना होता है। फिर यदि किसी देश पर कब्ज़ा करना हो अथवा गुलाम बनाना हो तो वहाँ की धर्म संस्कृति समाप्त कर अपना धर्म संस्कृति को बलात स्थापित करना होता है जैसे अमेरिका की मूल संस्कृति समाप्त कर चर्च ने प्रोस्टेंट कल्चर को लागू कर उन्हें समाप्त कर दिया। दक्षिण अफ्रीका में चर्च ने बड़े प्रेम से वहाँ के आदिवासियों के हाथों में बायबिल पकड़ाया वे बड़े श्रद्धा आँख मूदकर हाथ में बायबिल हाथ में ले लिया जब आँख खोली तो उनके हाथ में बायबिल था और चर्च के पास उनकी सारी संपत्ति। ठीक उसी प्रकार झारखण्ड को निगलने के लिए एक तरफ ईसाई मिशनरियां तो दूसरी तरफ बांग्लादेशी व रोहंगिया मुस्लिम घुसपैठिये झारखण्ड को निगलने के लिए षड़यंत्र कर रहे हैं। जहाँ एक ओर चर्च के द्वारा सेवा के माध्यम धर्मान्तरण तो मुस्लिम घुसपैठिये लव जिहाद, लैंड जिहाद, राजनैतिक जिहाद तथा कितने प्रकार जिहाद चला रहे हैं। भोला-भाला जनजातीय समाज तथा दलित समाज इनके चंगुल में फँसता दिखाई देता है।

संथाल परगना की मुस्लिम घुसपैठ 

झारखण्ड राज्य बनते समय वहाँ जनजाति संख्या 36% थी आज यह संख्या घटकर 26% हो गई है आखिर ये आदिवासी कहाँ बिलुप्त हो गये। गोड्डा जिले में आदिवासियों की संख्या 10% घट गई है, लेकिन वहाँ की सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी है उसे केवल घुसपैठियों के पहचान पत्र बनवाना और उसके नाम वोटरलिस्ट में डलवाना क्योकि उन्हें केवल वोट बैंक बनाने से मतलब है। हिन्दुओं के गांव के गांव खाली हो रहे हैं पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा इत्यादि से अथवा उस रास्ते से वहाँ की बंगाल पुलिस के बल पर उनके सहयोग से बांग्लादेशी घुसपैठ संथाल परगना में जारी है। संथाल परगना में आदिवासी आरक्षित मुखिया सीटों पर एक सौ मुस्लिम महिला मुखिया है क्योंकि ये महिलाएं लव जिहाद की शिकार होकर मुस्लिम से विवाह किये हैं। यहाँ पर आदिवासी आरक्षित सीटों पर जिला पंचायत सदस्य, जिला परिषद अध्यक्ष और यहाँ तक लोक सभा में सांसद की उम्मीदवार भी आदिवासी आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ी है। यह तो सीधे संविधान का मजाक बनाने के अतिरिक्त और क्या है ? ये संविधान के रक्षक कहाँ हैं जो संविधान की फर्जी प्रति लेकर भारतीय जनता को गुमराह कर रहे है ? क्या उन्हें ये सब दिखाई नहीं दे रहा है? लोकसभा में गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने इस विषय को उठाया है झारखण्ड का संथाल परगना और बिहार का किसनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार इत्यादि जिलों से हिंदू पलायन कर रहा है। झारखण्ड में 23 विधानसभा की डेमोग्राफी बदल गई है यहाँ 123% मुस्लिम जनसंख्या बढ़ी है उन्होंने "मधुपुर" विधानसभा के नाम का भी उल्लेख किया जहाँ 267 बूथों पर 123%  मुस्लिमो की संख्या बढ़ी है ये सब के सब घुसपैठिये हैं। झारखण्ड के हाईकोर्ट ने कहा है कि झारखण्ड की डेमोग्राफी बदल रही है जिस प्रकार से मुस्लिम आवादी बढ़ रही है केंद्र सरकार को हस्ताक्षेप करना चाहिए।

झारखण्ड हाईकोर्ट 

चुनाव के समय बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा अवश्य उठता है इस बार ऐसा झारखण्ड में भी हो रहा है, बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बन गया है। जहाँ बीजेपी इस मुद्दे पर जोर दे रही है कि बांग्लादेश से बंगाल के रास्ते आने वाले घुसपैठिये न केवल झारखण्ड की जनसंख्यकी बदल रहें है बल्कि आदिवासियों की लड़कियों से विवाह कर रहे हैं और उनकी जमीनों को हड़प रहे हैं वहीँ सत्तारूढ़ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा चुप चाप वोट की राजनीती कर रही है। उनका मानना है कि घुसपैठ की जिम्मेदार केंद्र सरकार है, क्योंकि सीमा सुरक्षा केंद्र के पास है। दो वर्ष पहले झारखण्ड हाईकोर्ट में जमशेदपुर के दानिश की ओर से एक जनहित याचिका पर कहा गया था कि साहबगंज, पाकुड़, गोड्डा, दुमका, जामताड़ा आदि जिलों में आदिवासियों की जनसंख्या घट रही है याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखण्ड हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का पता लगाने के लिए केंद्र और राज्यों की एक टीम गठित की जाय। 

चर्च द्वारा धर्मान्तरण का खेल 

आदिवासी समाज भगवान विरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहा है, जनजाति अस्मिता, स्वयत्तता, और संस्कृति तथा वैष्णव धर्म की रक्षा के लिए बलिदान होने वाले भगवान विरसा मुंडा के संघर्ष की सत्यता से जनजाति समाज को अवगत कराने का यही सही अवसर है। भारत में बर्बर इस्लामी आक्रांताओं के बारे में जो कुछ लिखा है वह इस्लाम, ईसाईयत और बामपंथी का आधा सच है। यह समझने की आवश्यकता है कि ईसाई मिशनरियां भी हिंदू आदिवासियों के खिलाफ षड़यंत्र कर रही हैं। कुछ समय पहले मिजोरम के मुख्यमंत्री का अमेरिका में दिए गए बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि ईसाई मिशनरियां भी देश का विभाजन करना चाहती हैं। 

बिगड़ती डेमोग्राफी 

वर्तमान में झारखण्ड दोहरे संकट में है एक ओर बांग्लादेशी घुसपैठियों के चलते मुसलमानो की जनसंख्या बढ़ रही है दूसरी तरफ आदिवासियों का ईसाईकरण किया जा रहा है। झारखण्ड मे भगवान विरसामुंडा की संतानो यानी मुंडा आदिवासी जिनकी संख्या 1229221है जिसमें 32.82% ईसाई बन गए हैं। तिलका मांझी की संताने यानी संथाल समाज की जनसंख्या 2754723 है जिनमे  8.57% ईसाई हो गये है। इसी प्रकार उरांव भी 26.16% ईसाई हो गए हैं अंग्रेजो व मुगलों के खिलाफ संघर्ष करने वाले ''हो जनजाति'' और ''चेरो जनजाति'' की भी बड़ी संख्या मे ईसाईकरण हुआ है। सिमडेगा जिले मे 80%, गुमला मे 44%, पश्चिमी सिंहभूमि मे 42% तथा खुटी में 38% मुंडा आवादी ईसाई बन गई है इस प्रकार सिमडेगा मे 95%मुंडा समाज ईसाई हो गया है। जनजातियों की मातृ भाषा, कला, संस्कृति, गीत, नृत्य संगीत इत्यादि का सरक्षण सम्बर्धन करने की आवस्यकता है। ईसाई मिशनरियों के छल प्रपंच से हो रहे मतांतरण अभियान पर रोक लगानी होगी जिससे मिशनरियों के षड़यंत्र से झारखण्ड को बचाया जा सके।

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