बिहार जिसने 2600 वर्ष भारत का नेतृत्व किया ------------!

       
जिसने 2600 वर्ष भारत का नेतृत्व किया---!
       आखिर बिहार की पहचान क्या है ? लालू प्रसाद यादव, नितीश कुमार, राजेंद्र बाबू अथवा और कुछ-! आज यह हमे विचार करने की आवस्यकता है जब पूरे भारत मे जाते हैं तो लोग लालू का बिहार कहकर मज़ाक उड़ाते हैं क्या यही बिहार है ? या भ्रष्ट्राचार मे डूबा, अहंकारी नितीश आखिर बिहार की पहचान क्या है! जिस बिहार ने 3500 वर्ष तक भारतवर्ष पर शासन किया उत्कर्ष पर पहुचाया अथवा आर्यावर्त के केंद्र मे रहा उसकी राजधानी राजगिरि, पटलिपुत्र रहा वह बिहार कहाँ है ! पुरातात्विक अनुसन्धानों के अनुसार पटना का इतिहास 490 वर्ष ईशा पूर्व शुरू होता है जब हर्षक वंश के शासक अजातुशत्रु ने अपनी राजधानी राजगृह से बदलकर यहाँ स्थापित की, मौर्यवंश के उत्कर्ष के पश्चात पाटिलीपुत्र सत्ता का केंद्र बन गया चन्द्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य ब्रह्मदेश से अफगानिस्तान तक फ़ेल गया था।
         बिहार के ऐतिहासिक योगदान का सबसे प्रभावशाली पक्ष है, छठी शताब्दी ईशा पूर्व से छठी सदी अर्थात बारह सौ वर्ष तक भारतीय राजनीति अग्रगनी भूमिका का निर्वाह किया, इस कल खंड मे बिहार ने चन्द्रगुप्त मौर्य, बिंबिसर, अशोक, अजातशत्रु, पुष्यमित्र शुंग, समुद्रगुप्त, चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य  और स्कंदगुप्त जैसे यशस्वी शासक ही नहीं दिये आपित असेतु हिमाचल अर्थात समुद्र से हिमालय तक शासन की अखंड भारत की आधारशिला रखी यह बारह सौ का समय भारतीय संस्कृति के पुष्पित,पल्लवित होने का समय है, महर्षि पतंजलि का महाभाष्य, पाणिनी का अष्टाध्यायी और कौटिल्य का अर्थशास्त्र जैसे अपूर्व ग्रंथ इसी काल के हैं, महान खगोल शास्त्री, गणितज्ञ आचार्य आर्यभट्ट की प्रयोग शाला खगोल तथा तारेगना भी यहीं, विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्व बिद्यालय, विक्रमशिला यहीं था  ।
         वास्तविक बिहार का परिचाय ऐतिहासिक श्रोत और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं के वर्णन से मिलता है यही है असली बिहार----! लेकिन दुर्भाग्य ऐसा है कि किसी भी सत्ता का उत्थान और पतन भी निश्चित है लेकिन इस प्रकार होगा यह नहीं पता था कि जहां -जिस राजधानी मे चन्द्रगुप्त मौर्य और पुष्यमित्र शुंग जैसे सम्राटों, चक्रवर्तियों ने शासन किया, वहीं पर उनके उत्तराधिकारी लालू, नितीश के रूप मे आएगे यह कल्पना से बाहर था कैसा दुर्भाग्य है की आज वह बिहार विशेष दर्जा की मांग कर स्वाभिमानी बिहारियों का अपमान कर रहा है, क्या पुनः इतिहास दुहराएगा और अपने वैभव को प्राप्त करेगा -----!     

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